भ्रष्टाचार: तमिलनाडु में स्टालिन सरकार के मंत्री पोनमुडी को मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाई सजा, 3 साल जेल और 50 लाख का लगाया जुर्माना

तमिलनाडु में स्टालिन सरकार के मंत्री पोनमुडी को मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाई सजा, 3 साल जेल और 50 लाख का लगाया जुर्माना
  • तमिलनाडु के वरिष्ठ मंत्री के पोनमुडी को बड़ा झटका
  • मद्रास हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटा
  • 3साल जेल और 50 लाख का लगाया जुर्माना

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के एक मामले में तमिलनाडु के वरिष्ठ मंत्री के पोनमुडी को बड़ा झटका लगा है। मद्रास हाईकोर्ट ने मंत्री पोनमुडी से जुड़े निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया। पोनमुडी की पत्नी विशालाक्षी को भी दोषी ठहराया गया है। दोषी पाए जाने के बाद पोनमुडी को विधायक और मंत्री के रूप में तत्काल अयोग्य घोषित कर दिया गया।

न्यायमूर्ति जयचंद्रन ने पोनमुडी के बरे किए जाने के फैसले को पलटते हुए कहा कि न्याय की विफलता जो दोषी के बरी होने से पैदा हो सकती है, एक निर्दोष की सजा से कम नहीं है।' दंपति को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार का दोषी ठहराते हुए, न्यायाधीश ने कहा कि दोनों ने आय के अपने ज्ञात स्रोतों के अनुपात में 65% संपत्ति अर्जित की थी।

मद्रास हाईकोर्ट ने स्टालिन सरकार के मंत्री पोनमुडी को तीन साल की जेल की सजा सुनाई है। साथ ही हाईकोर्ट ने उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आपको बता दें 2016 में एक विशेष सांसद/विधायक अदालत ने पोनमुडी को बरी कर दिया था। जिसे अब हाईकोर्ट ने पलट दिया है, साथ ही उन्हें सजा भी सुनाई है।

आपको बता दें पति- पत्नी के खिलाफ यह मुद्दा सतर्कता निदेशालय ने 2006 से11 के बीच , भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर किया था। पोनमुडी खान तब खनिज मंत्री थे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) में यह स्पष्ट किया गया है कि एक सांसद या विधायक को अयोग्य करने के लिए कम से कम दो साल की सजा की जरूरत होती है। हाईकोर्ट की सजा के बाद उन्हें मंत्री और विधायकी से अयोग्य ठहराया जाएगा। साथ ही पोनमुडी रिहाई के बाद से छह साल की और अवधि के लिए अयोग्य रहेंगे।

Created On :   21 Dec 2023 7:17 AM GMT

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