बयान पर तकरार: मौलाना अरशद मदनी के बयान के पक्ष-विपक्ष में सामने आई कई प्रतिक्रियाएं

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रेसिडेंट मौलाना अरशद मदनी के बयान पर कहा, "मौलाना अरशद मदनी साहब, ये हिंदुस्तान है, हिंदुस्तान की जम्हूरियत इतनी सुरक्षित और संरक्षित है और आप 'न्यूयॉर्क' जा रहे हैं? लोकतंत्र है, संविधान है और यहां देश के हर जाति व धर्म के लोगों को काम कर ने का अधिकार है।
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कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी के बयान पर कहा, "ये जो सरकार आई है इन्होंने प्लान तरीके से एक धर्म के खिलाफ या एक धर्म से जुड़े हुए पढ़े-लिखे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया है। इसके साथ-साथ उन्होंने जो समाज में सांप्रदायिकता फैलाई है उसमें भी कभी-कभी हमारे कुछ ऐसे धर्म के लोग जिनको लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। भाजपा में ना कोई सांसद मुस्लिम है ना कोई उनके बड़े पोस्ट में है और हैं भी तो इन्होंने कोई मुस्लिम मंच बना रखा है। आपको इंसान की काबिलियत देखनी चाहिए। मैं तो यही कहूंगा कि NIA निष्पक्ष जांच करे।
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कांग्रेस नेता उदित राज ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रेसिडेंट मौलाना अरशद मदनी के बयान पर कहा, "सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि दलितों और OBC को भी अपॉइंटमेंट नहीं दिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार "सबका साथ सबका विकास" का दावा करती है, लेकिन सिर्फ एक खास जाति को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की 48 यूनिवर्सिटी में से किसी में भी मुस्लिम, दलित या OBC वाइस-चांसलर नहीं हैं और वे भारत के 159 टॉप इंस्टीट्यूशन से भी गायब हैं। RSS और BJP की आइडियोलॉजी मांग करती है कि इन इंस्टीट्यूशन में सिर्फ संघ के सदस्यों को ही अपॉइंट किया जाए। अल फलाह यूनिवर्सिटी में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए, लेकिन पूरी यूनिवर्सिटी को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है? हाल ही में, लैटरल एंट्री IAS रिक्रूटमेंट, जिसे राहुल गांधी के ऑर्डर पर रोक दिया गया था, उसमें डायरेक्ट रिक्रूटमेंट हुआ, और कोई भी रिक्रूट SC/ST/OBC नहीं था। यह सरकार मुस्लिम, दलित और पिछड़े वर्गों को बाहर रखती है।
आपको बता दें जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक कार्यक्रम में कहा कि लंदन या न्यूयॉर्क जैसे बड़े विदेशी शहरों में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, जबकि भारत में मुसलमान किसी विश्वविद्यालय का कुलपति तक नहीं बन सकता। मदनी ने आगे कहा कि अगर कोई मुसलमान ऐसा कुछ बड़ा पद हासिल भी कर ले तो उसका अंजाम आजम खान जैसा हो सकता है, जिसे जेल तक भेज दिया गया। उन्होंने ये भी कहा कि बिना किसी वजह के देश के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटा जा रहा है। मौलाना अरशद मदनी के बयान के पक्ष-विपक्ष में कई प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।
Created On :   23 Nov 2025 11:55 AM IST












