सीएम नीतीश कुमार का विकल्प कुशवाहा के रूप में ढूंढ लाई बीजेपी, जानिए क्या है बिहार फतह करने के लिए पार्टी का मास्टरस्ट्रोक
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर कुछ बड़ा होने वाला है। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को छोड़ अपनी नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं। दरअसल, ये कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार कुशवाहा को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने जा रही है,अब वो 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रहेंगे। केंद्र का यह फैसला आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। राजनीतिक पंडितों का माना है कि, राज्य में भाजपा को मजबूत करने के लिए वो राजद और जेडीयू के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए एनडीए का रूख कर सकते हैं।
नीतीश बनाम कुशवाहा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपेंद्र कुशवाहा की सुरक्षा के लिए आदेश दे दिए हैं। जिसके बाद से ही राजनीति गलियारों में बात होने लगी है कि कुशवाहा बिना देर किए हुए भाजपा का दामन थाम सकते हैं। बता दें कि, पिछले दिनों ही उन्होंने जदयू से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद वो सीएम नीतीश पर जमकर बरसे थे। उन पर कुशवाहा ने आरोप लगाया था कि वो राजद में जदयू का विलय करने वाले हैं, पार्टी का अस्तिव खतरे में डाल रहे हैं। जिसके बाद नीतीश और कुशवाहा में और तेज जुबानी जंग होते हुए देखे गए थे। मुख्यमंत्री नीतीश ने यहां तक कह दिया था कि उपेंद्र जहां भी जाना चाहते हैं वहां जाएं उन्हें कोई नहीं रोकेगा।
बीजेपी को मिला विकल्प
इस बयान के बाद कुशवाहा ने कुछ ही दिनों के बाद जदयू की सारे पदों से इस्तीफा दे दिया था और अपनी नई पार्टी रालोजद का गठन किया। अब केंद्र सरकार के इस फैसले को साल 2024 के आम चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा जदयू से गठबंधन टूटेन के बाद एक विकल्प ढूढ़ रही थी। जो कुशवाहा के रूप में मिल गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे तो नहीं लेकिन चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी एक निर्णयाक कड़ी साबित हो सकती है।
बीजेपी के संपर्क में हैं उपेंद्र
हाल ही भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी। यह मुलाकात कुशवाहा के पटना स्थित आवास पर हुई थी। जहां दोनों नेताओं में घंटों बातचीत हुई और बिहार में पार्टी को मजबूत करने और लोगों की चुनाव में पहली पंसद बनने के मुद्दे पर चर्चा हुई। उपेंद्र खुद कुशवाहा जाति से आते हैं और बिहार में इस जाति के वोटर्स की संख्या लाखों में है और भाजपा को पता है कि अगर कुशवाहा को अपने पाले में लाया जाता है तो कुशवाहा बहुल क्षेत्र में पार्टी को फायदा मिल सकता है। इसके अलावा कुशवाहा की पकड़ कोइरी समाज के लोगों में भी अच्छी खासी है। लेकिन इस वोटबैंक पर हमेशा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ही दबदबा रहा है और उपेंद्र कुशवाहा को इस वोटबैंक में सेंध लगाना इतना आसान नहीं होगा।
क्यों देनी पड़ी रही है सुरक्षा?
उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों बिहार में "विरासत बचाओ यात्रा" निकाल रहे हैं। राज्य के अलग-अलग जगहों में जाकर मौजूदा सरकार के खिलाफ प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और सीएम नीतीश के गलत नीतियों को उजागर कर रहे हैं। कुशवाहा की इस यात्रा का उद्देश्य प्रदेश में अपनी पार्टी को खड़ा करना है, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन किया जा सके। वहीं इस यात्रा को लेकर खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि उपेंद्र कुशवाहा की जान को खतरा है, उन पर कभी भी हमला हो सकता है। इसी बात का ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है।
Created On :   9 March 2023 12:39 PM IST