केरल पुलिस के खिलाफ माकपा नेता का हल्ला बोल, हद में रहने की दी हिदायत

CPI(M) leaders attack against Kerala Police, instructed to stay in limits
केरल पुलिस के खिलाफ माकपा नेता का हल्ला बोल, हद में रहने की दी हिदायत
केरल सियासत केरल पुलिस के खिलाफ माकपा नेता का हल्ला बोल, हद में रहने की दी हिदायत

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के सुरक्षाकर्मियों पर हमले का मामला बढ़ता ही जा रहा है। अब पुलिस के एक्शन पर सत्तारूढ़ माकपा के नेता पी. मोहन ने सवाल उठा दिए हैं। कोझीकोड जिले के सचिव पी. मोहन ने रविवार को कहा कि कोझीकोड के कुछ पुलिस अधिकार अपनी सीमा पार कर रहे हैं। बता दें कि ये अधिकारी सीपीआई-एम युवा विंग, डीवाईएफआई राज्य परिषद के सदस्य अरुण और अन्य के खिलाफ मामले की जांच कर रहे हैं।

डीवाईएफआई राज्य परिषद के सदस्यों पर कोझीकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज के सुरक्षा अधिकारियों पर बेरहमी से हमला करने का अरोप लगा। पी. मोहन ने कहा कि, पुलिस अधिकारी सरकार की नीति के खिलाफ जा रहे हैं। इस मुद्दे को सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा। केरल पुलिस के खिलाफ माकपा जिला सचिव के हमले को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाले राज्य के गृह विभाग पर हमले के रुप में देखा जा रहा है।

इस बीच, भाजपा ने माकपा के जिला सचिव और अन्य माकपा नेताओं द्वारा आयुक्त समेत कोझीकोड शहर की पुलिस को डराने-धमकाने का विरोध किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि, यह युवा नेताओं के खिलाफ जांच को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पुलिस से माकपा के युवा नेताओं के खिलाफ गुंडा एक्ट लगाने की मांग की। कोझीकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज के सुरक्षाकर्मी हमले मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने और कोझीकोड के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के बाद पुलिस की जमकर आलोचना हुई थी जिसके बाद आरोपियों ने खुद पुलिस में सरेंडर कर दिया। दूसरी तरफ सुरक्षा कार्यकर्ताओं के संघ ने जिले में विरोध मार्च निकाला और जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि, पुलिस ने आरोपियों के साथ हाथ मिलाया और राजनीतिक आकाओं ने आरोपियों की गिरफ्तारी को रोका।

यह घटना 31 अगस्त को हुई और पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 333 के तहत मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों पर केरल स्वास्थ्य देखभाल सेवा व्यक्तियों और स्वास्थ्य सेवा संस्थानों (हिंसा की रोकथाम और संपत्ति को नुकसान) अधिनियम के तहत अपराधों के लिए गैर-जमानती आरोप भी लगाए गए थे। आरोपियों पर मारपीट, गलत तरीके से रोक लगाने और अवैध रूप से जमा होने समेत अन्य आरोप भी लगाए गए।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   18 Sep 2022 12:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story