उद्धव ठाकरे की पार्टी के नाम-चिन्ह पर रोक के खिलाफ एकल पीठ के आदेश को चुनौती, दिल्ली हाईकोर्ट का किया रुख

Delhi High Court takes stand challenging single bench order against ban on name and symbol of Uddhav Thackerays party
उद्धव ठाकरे की पार्टी के नाम-चिन्ह पर रोक के खिलाफ एकल पीठ के आदेश को चुनौती, दिल्ली हाईकोर्ट का किया रुख
महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे की पार्टी के नाम-चिन्ह पर रोक के खिलाफ एकल पीठ के आदेश को चुनौती, दिल्ली हाईकोर्ट का किया रुख

डिजिटल  डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, दरअसल एकल-न्यायाधीश की पीठ ने चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के नाम और धनुष और तीर के चुनाव चिह्न् को फ्रीज करने के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। अब उद्धव ने एकल-न्यायाधीश की पीठ के आदेश को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने 15 नवंबर को ठाकरे की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि चुनाव आयोग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोई रोक नहीं लगाई गई है।

8 अक्टूबर को, चुनाव आयोग ने ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों को आधिकारिक मान्यता तय होने तक एक ही नाम या प्रतीक का उपयोग करने से रोकने का निर्देश दिया था। हाल ही में हुए अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उन्हें अलग-अलग सिंबल आवंटित किए गए थे।

ठाकरे ने अपील की है कि चुनाव आयोग ने फ्रीजिंग आदेश पारित करते समय माना है कि शिवसेना पार्टी के दो गुट हैं। उन्होंने दावा किया है कि यह नहीं कहा जा सकता है कि पार्टी में दो गुट हैं, वह उचित रूप से निर्वाचित अध्यक्ष बने हुए हैं, जिसे शिंदे ने भी स्वीकार किया था।

अपील में कहा गया है- एकल न्यायाधीश की यह टिप्पणी कि अपीलकर्ता और प्रतिवादी नंबर 2 दोनों मूल शिवसेना पार्टी के अध्यक्ष होने का दावा करते हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत है, जैसा कि प्रतिवादी संख्या 1 के समक्ष दायर अपने पैरा 15 याचिका के पैरा 3 में प्रतिवादी संख्या 2 स्वयं कहता है कि यहां अपीलकर्ता शिवसेना राजनीतिक दल का शिवसेना प्रमुख (अध्यक्ष/प्रमुख) है और बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने शिंदे के खिलाफ शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित अयोग्यता की कार्यवाही पर ध्यान दिए बिना अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया है। एकल-न्यायाधीश इस बात पर ध्यान देने में विफल रहे कि प्रतिवादी संख्या 2 (शिंदे) की अयोग्यता का प्रश्न अभी भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है और प्रतिवादी संख्या 1 (ईसीआई) की कार्रवाई एक अंतर्निहित धारणा पर आधारित है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट प्रतिवादी नंबर 2 के पक्ष में फैसला करेगा।

 

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Created On :   13 Dec 2022 5:00 PM GMT

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