सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लिखित आश्वासन देने को तैयार

Government ready to give written assurance about minimum support price
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लिखित आश्वासन देने को तैयार
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नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच पांचवें दौर की बातचीत शनिवार दोपहर को होने जा रही है और केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार है। साथ ही सितंबर में बनाए गए 3 नए कृषि कानूनों में विवादास्पद संशोधनों पर सहमत होने के लिए भी तैयार है।

इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित आश्वासन देने के लिए किसानों की मांग को कार्यकारी आदेश, ना कि कानून द्वारा स्वीकार करने का फैसला किया है।

यह जानकारी शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक होने के बाद सामने आई है, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए।

सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ डेढ़ घंटे की बैठक के बाद सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन की बात स्वीकार कर ली है, जिसे किसान काले कानून और किसान विरोधी कानून करार दे रहे हैं।

ये कानून- कृषि उत्पाद व्यापार व वाणिज्य कानून-2020, मूल्य आश्वासन व कृषि सेवा कानून-2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून-2020 हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र और किसान प्रतिनिधियों के बीच पहले हुईं 4 वार्ताओं के बाद भी अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। अब पांचवें दौर की वार्ता मध्य दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 2 बजे शुरू होगी। इस बैठक में लगभग तीन दर्जन किसान नेताओं का एक समूह भाग लेगा।

बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश और कृषि सचिव संजय अग्रवाल बैठक में शामिल होंगे।

किसानों ने पांच-सूत्री मांगें रखीं, जिनमें एमएसपी पर एक विशिष्ट कानून का निर्धारण, अवशिष्ट-जलाने पर कोई सजा नहीं, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना, प्रस्तावित विद्युत (संशोधन) अधिनियम, 2020 के बारे में आपत्तियों का निपटारा करना और एमएसपी पर लिखित आश्वासन देना शामिल है।

बता दें कि 10 दिनों से हजारों प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की सीमाओं को कई जगहों से बाधित किया हुआ है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में आपूर्ति श्रृंखला चरमरा रही है।

एसडीजे/एसजीके

Created On :   5 Dec 2020 3:01 PM IST

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