'लालू एंड फैमिली' के लिए बदले पप्पू यादव के बोल, लोकसभा चुनाव से पहले क्या है नई रणनीति?

लालू एंड फैमिली के लिए बदले पप्पू यादव के बोल, लोकसभा चुनाव से पहले क्या है नई रणनीति?

डिजिटल डेस्क, पटना। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए चुनावी सरगर्मियों बढ़ गई हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारी में सबसे आगे बिहार के कुछ क्षेत्रीय पार्टियां दिखाई दे रही हैं। जिनमें सबसे प्रमुख नाम जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव का है। लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए वो नई स्ट्रेटजी पर काम कर रहे हैं। दरअसल, कभी लालू यादव और नीतीश कुमार पर हमलावर रहे पप्पू यादव आज दोनों नेताओं के प्रति काफी नरमी बरत रहे हैं। गाहे बगाहे ही सही दोनों नेताओं की तारीफ, पप्पू यादव कई बार कर चुके हैं। जिसके बाद से ही सवाल उठने लगे हैं कि क्या आम चुनाव से पहले पप्पू यादव कुछ बड़ा कदम उठा सकते हैं।

आपको बता दें कि, साल 2015 तक पप्पू यादव आरजेडी के साथ ही थे। कहा जाता है कि, लालू यादव के साथ उनके परिवारिक रिश्ते हैं। लेकिन साल 2015 में किन्हीं बातों को लेकर पप्पू यादव ने आरजेडी और लालू का साथ छोड़ दिया था। जिस पर दोनों की ओर से खूब बयानबाजी भी हुई थी। लालू का साथ छोड़ने के बाद पप्पू यादव ने अपनी नई पार्टी 'जन अधिकार पार्टी' का गठन किया। जिसके माध्यम से लोगों के बीच पहुंचने लगे। हालांकि, तमाम जतन के बाद उन्हें अभी भी कुछ खास मुकाम हासिल नहीं हुआ है। अब पप्पू यादव एक बार फिर चर्चा में बने हुए जिसका मुख्य कारण लालू, नीतीश और तेजस्वी यादव की जमकर तारीफ करना। शायद इन्हीं कारणों से एक बार फिर उनके नाम की चर्चा सियासी गलियारों में होने लगी है।

आरजेडी में जाएंगे पप्पू यादव?

दरअसल, इस बात की हवा इसलिए मिल रही है क्योंकि हाल ही में पप्पू यादव ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी। जहां दोनों नेताओं में घंटों बातचीत हुई थी। इसके अलावा बीते रविवार को भागलपुर जिले में 1750 सौ करोड़ रुपये की ब्रिज गिर जाने पर भी नीतीश सरकार का बचाव किया था। पप्पू यादव ने नीतीश सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि, जिस कंपनी ने इस पुल को बनाने का जिम्मा उठाया है इसे बीजेपी शासित राज्यों में ही क्यों बड़ा काम मिल रहा है। पप्पू यादव ने बकायदा बीजेपी सरकार में पथ निर्माण मंत्री रहे सभी नेताओं की जांच कराने की मांग कर डाली थी। यादव के इस बयान के बाद से ही कयास लगाए जाने लगे हैं कि कहीं वो आरजेडी का रूख तो नहीं करने वाले हैं। आरजेडी के साथ जाने की हवा इस बात से भी लगाई जा रही है क्योंकि सीएम नीतीश कुमार की विपक्षी एकता को पप्पू यादव ने भी अपना समर्थन दिया है।

पप्पू यादव की स्ट्रेटजी

लालू यादव और नीतीश कुमार की तारीफों के पुल बांधे जाने के बाद से ही कयास लगाए जाने लगे हैं कि, शायद कुछ ही महिनों के बाद पप्पू यादव आरजेडी का दामन थाम सकते हैं। सियासत के जानकार कहते हैं कि, पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी का बहुत बुरा हाल हुआ था। जिसकी वजह से वो काफी दुखी भी देखे गए थे। लेकिन इस बार वो हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं ताकि पिछली बार की तरह गलती न हो। कहा जा रहा है कि, महागठबंधन के साथ वो भी जुड़ सकते हैं। खबरें हैं कि, 23 जून को पटना में होने वाली महागठबंधन की बैठक में अपना समर्थन देने के लिए वो भी पहुंच सकते हैं ताकि भाजपा की जीत को रोक जा सके। राजनीति विश्लेषकों के मुताबिक, पप्पू यादव ने जब से आरजेडी का साथ छोड़ा है तब से अपनी सियासी जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। पप्पू यादव स्थिति को भांपते हुए किसी मजबूत दल के साथ जुड़ कर 'पावर' में आना चाहते हैं।

Created On :   9 Jun 2023 9:41 AM GMT

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