बिहार विधानसभा चुनाव 2025: परिसीमन के बाद छपरा में वैश्यों का बढ़ा प्रभाव,अब तक राजपूत उम्मीदवार ही निर्वाचित हुए

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में छपरा विधानसभा क्षेत्र का अपना एक अलग महत्व है। छपरा आज सारण जिले का मुख्यालय है और घाघरा तथा गंगा नदियों के संगम के पास स्थित है। औपनिवेशिक काल में छपरा एक अहम व्यापार केंद्र था।
1957 में गठित छपरा विधानसभा सीट पर 17 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 4 बार जीत दर्ज की, कांग्रेस को आखिरी जीत 1972 में मिली थी। बीजेपी व जनसंघ ने भी चार बार जीत हासिल की। 2015 व 2020 में बीजेपी को जीत हासिल हुई थी। अन्य दलों में आरजेडी, निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो-दो बार जीत हासिल की है, जबकि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, जनता दल और जेडीयू ने एक-एक बार जीत दर्ज की है।
1967 से अब तक यहां से राजपूत या यादव उम्मीदवार ही निर्वाचित हुए है, फिर चाहे वो किसी भी दल से हो। परिसीमन के बाद छपरा में वैश्यों का प्रभाव बढ़ा है, जो कुल जनसंख्या का लगभग 12 फीसदी हैं। छपरा में 81.45 प्रतिशत हिंदू समुदाय और 18.11 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय है। 11.14 प्रतिशत एससी ,12.2 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। छपरा में 62.59 प्रतिशत शहरी और 37.41 प्रतिशत ग्रामीण वोटर्स हैं।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर थी।
Created On :   27 Oct 2025 1:33 PM IST












