यूपी में शिक्षक भर्ती पर मचा सियासी घमासान: सपा को रास नहीं आया योगी सरकार का पोस्ट डिलीट करना, अखिलेश यादव ने समझाया BJP के हार का पूरा गणित

- यूपी में शिक्षक भर्ती को लेकर सियासत तेज
- योगी सरकार पर हमलावर समाजवादी पार्टी
- अखिलेश यादव ने पोस्ट डिलीट करने पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश के सियासी गलियारों में शिक्षक भर्ती को लेकर समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए है। दरअसल, योगी सरकार ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने ऑफिशियल अकाउंट से एक पोस्ट शेयर किया था। इसमें सरकार ने यूपी में 1 लाख 93 हजार शिक्षक भर्ती निकालने का ऐलान किया था। हालांकि, कुछ देर बाद सरकार ने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी योगी सरकार को आडे़ हाथों ले रही है। इस मुद्दे पर अब सपा चीफ अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने यूपी सरकार के ऐलान से मुकरने के पीछे का गणित समझाया है।
अखिलेश यादव ने समझाया हार का गणित
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा 1,93,000 शिक्षक भर्तियों के जुमलाई विज्ञापन से जन्मा : 2027 के चुनाव में ‘भाजपा की हार का राजनीतिक गणित’। मान लिया जाए कि 1 पद के लिए कम-से-कम 75 अभ्यर्थी होते, तो यह संख्या होती = 1,44,75,000 और एक अभ्यर्थी के साथ यदि केवल उनके अभिभावक जोड़ लिए जाएं तो कुल मिलाकर 3 लोग इससे प्रभावित होंगे अर्थात ये संख्या बैठेगी = 4,34,25,000
सपा चीफ ने आगे लिखा कि ये सभी व्यस्क होंगे अतः इन्हें 4,34,25,000 मतदाता मानकर अगर उप्र की 403 विधानसभा सीटों से विभाजित कर दें तो ये आँकड़ा लगभग 1,08,000 वोट प्रति सीट का आयेगा। और अगर इनका आधा भी भाजपा का वोटर मान लें (चूँकि भाजपा 50% वोटर्स की जुमलाई बात करती आई है) तो लगभग 1,08,000 का आधा मतलब हर सीट पर 54,000 मतों का नुक़सान भाजपा को होना तय है। इस परिस्थिति में भाजपा 2027 के विधानसभा चुनावों में दहाई सीटों पर ही सिमट जाएगी।
भाजपा सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने लिखा कि पुलिस भर्ती के मामले में ‘भर्तियों का ये गणित’ भाजपा को उप्र में लगभग आधी सीटों पर हराने में सफल भी रहा है, अत: ऐसे आंकड़ों को अब सब गंभीरता से लेने लगे हैं। अब ये मानसिक दबाव का नहीं वरन सियासी सच्चाई का आंकड़ा बन चुका है।
अखिलेश यादव ने लिखा कि जैसे ही ये आँकड़ा प्रकाशित होगा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपाई प्रत्याशियों के बीच जाएगा वैसे ही उनका राजनीतिक गुणा-गणित टूट कर बिखर जाएगा और विधायक बनने का उनका सपना भी। इससे भाजपा में एक तरह से भगदड़ मच जाएगी। ऐसे में भाजपा को मतदाता ही नहीं बल्कि प्रत्याशियों के भी लाले पड़ जाएँगे। वैसे भी कुछ निम्नांकित उल्लेखनीय कारणों से भाजपा सरकार के विरोध में, उप्र की जनता पूरी तरह आक्रोशित है और भाजपा को 2027 के चुनाव में बुरी तरह से हराने और हटाने के लिए पूरी तरह कमर कस के तैयार है।
Created On :   22 May 2025 2:34 PM IST