मणिपुर मामले के बाद दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर बवाल, हंगामे से नाराज लोकसभा अध्यक्ष बोले- कुर्सी पर नहीं बैठूंगा

मणिपुर मामले के बाद दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर बवाल, हंगामे से नाराज लोकसभा अध्यक्ष बोले-  कुर्सी पर नहीं बैठूंगा
  • सांसदों से नाराज हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
  • दिल्ली के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर सदन में जोरदार हंगामा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून सत्र करीब 10 दिनों से हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष मणिपुर हिंसा मामले में आमने-सामने हैं। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर सदन में पीएम मोदी से बयान चाह रहा है, जिस पर दोनों पक्ष सीना तान एक दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं। करीब दो हफ्ते से सदन की कार्यवाही स्थगित हो रही है। इस बीच ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला भी सदन में तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। बीते दिन इस मामले पर जमकर सदन में हंगामा हुआ। जिस पर अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का गुस्सा फूटा है। दिल्ली अध्यादेश पर मंगलवार (1 अगस्त) को लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी और हल्ला किया था। लोकसभा आसंदी के समक्ष पेपर्स भी फेंके गए थे। जिसकी वजह से आज (2 अगस्त) अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी नाराजगी सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसदों के सामने जाहिर की है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी जनप्रतिनिधियों को अवगत कराते हुए कहा कि, जब तक सदन में शांति नहीं आती तब तक वो सदन के अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। बिरला ने कहा कि, सभी सांसदों को यह बता देना चाहता हूं कि जब आप सदन में अनुशासन बनाएंगे तभी स्पीकर की सीट पर विराजमान होने आऊंगा। क्योंकि मेरे लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च है। उन्होंने आगे कहा कि, सदन की गरिमा बना कर रखना सभी का दायित्व है। लेकिन कुछ माननीयों का व्यवहार सदन की परंपराओं से बिल्कुल विपरीत है।

अब सदन में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर जंग

लोकसभा अध्यक्ष की मुख्य नाराजगी विपक्षी सांसदों का वेल में जाना और पर्चे फेंकना है। कल यानी 1 अगस्त को केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए सदन में बिल पेश किए गए थे। जिस पर इंडिया गठबंधन वाली सभी पार्टियों ने मिलकर विरोध करना शुरू कर दिया। जिसे देख स्पीकर ओम बिरला काफी नाराज हुए थे। इस मामले पर बिरला ने कहा, मंगलवार को जिस तरह सदन में हंगामा देखा गया उस तरीके से सदन की कार्यवाही नहीं चल सकती है। विपक्ष को शांत तरीके से अपनी बात रखनी होगी नहीं तो मैं अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठुंगा। जब तक दोनों पक्ष शांत नहीं हो जाते तब तक सदन के अंदर नहीं जाउंगा।

दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं। केजरीवाल कई दलों से लोकसभा में अपने समर्थन के लिए वोट मांग चुके हैं। जिस पर सभी राजनीतिक दलों ने उनका समर्थन करने का फैसला किया है और आज सत्ता पक्ष और विपक्षी गठबंधन इंडिया आमने-सामने हैं।

मणिपुर पर पहले से ही डटा है विपक्ष

पिछले कई दिनों से मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लामबंद नजर आ रहा है। विपक्षी सांसदों का कहना है कि जब तक पीएम मोदी मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता को लेकर बयान नहीं देते तब तक वो चुप नहीं रहेंगे। मणिपुर हिंसा को लेकर बीते दिन ही इंडिया गठबंधन के 21 सांसदों ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया था और वहां की स्थिति का जायजा लिया था। इस मौके पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि, सरकार, मणिपुर में हिंसा रोकने में पूरी तरह फेल रही है। प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार तुरंत बर्खास्त करे।

Created On :   2 Aug 2023 10:51 AM GMT

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