हरियाणा को मिला नया CM: कौन हैं नायब सिंह सैनी? जिन पर बीजेपी ने खेला इतना बड़ा दांव

कौन हैं नायब सिंह सैनी? जिन पर बीजेपी ने खेला इतना बड़ा दांव
  • नायब सिंह सैनी बनें हरियाणा के नए सीएम
  • 2019 में नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र से बने थे सांसद
  • खट्टर और नायब के बीच के हैं बेहतर रिश्ते

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद बीजेपी विधायक दलों की बैठक हुई। इसके बाद नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना लिया गया। ऐसे में आइए समझने की कोशिश करते हैं कि अचानक बीजेपी ने नायब सिंह पर इतना बड़ा दांव क्यों खेला। इसके पीछे बीजेपी की रणनीति क्या है। क्या बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ऐसा करना संयोग या फिर कोई प्रयोग। आइए समझते हैं.....

कौन हैं नायब सिंह?

नायब सिंह का बीजेपी से बहुत पुराना रिश्ता है। साल 2002 में नायब सिंह बतौर कार्यकर्ता बीजेपी से जुड़े थे। वह पार्टी में जिला प्रधान समेत कई अन्य पदों पर रहे हैं। साल 2014 में हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनने के दौरान भी नायब सिंह पार्टी की ओर से विधायक बनकर सदन पहुंचे थे। इसके बाद वह साल 2019 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव में जीते थे।

25 जनवरी, 1970 के दिन अंबाला के मीजापुर माजरा गांव में जन्मे 54 वर्षीय नायब सिंह सैनी की छवि स्थानीय नेता के साथ-साथ राज्य की सियासत में उनकी पकड़ काफी अच्छी मानी जाती है। मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की है। वह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। साथ ही, उन्होंने मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार) के बी.आर.अम्बेडकर बिहार यूनिवर्सिटी से भी शिक्षा हासिल की।

RSS के बड़े नेता हैं नायब सिंह

आरएसएस नेता नायब सिंह सैनी 1996 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में बीजेपी संगठन से जुड़े थे। साल 2000 तक उन्होंने केवल संगठन में अपनी सेवा दी। इस दौरान वे संगठन के अलग-अलग पदों पर भी रहे। साल 2002 में नायब सिंह सैनी को अंबाला का युवा विंग का जिला महासचिव बनाया गया। 2005 में उनके काम को देखते हुए पार्टी ने सैनी को अंबाला का जिला अध्यक्ष बनाया। इसके बाद उन्होंने 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ा। चुनाव जीतने के बाद उन्हें साल 2016 में हरियाणा सरकार में श्रम-रोजगार मंत्री बनाया गया।

इसके अलावा नायब सिंह सैनी समुदाय से आते हैं। यह समुदाय हरियाणा की ओबीसी समाज का अहम हिस्सा है। कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला और यमुनानगर के अलावा अन्य शहरों में भी सैनी समाज का राजनीतिक प्रभाव काफी ज्यादा है। हरियाणा में गैर-जाटों के नाम हमेशा से ही राजनीतिक ध्रुवीकरण हुआ है। ऐसे में अगर गैर-जाट नेता को ही सीएम बनाया जाता है तो नायब सिंह सैनी उसमें फीट बैठते हैं। मनोहर लाल खट्टर के तौर के पर बीजेपी ने पहले ही पंजाबी समुदाय को मौका दिया था। ऐसे में अब नायब सिंह के मुख्यमंत्री बनने से बीजेपी की ओर से सैनी समुदाय को बेहतर संदेश मिलेगा।

खट्टर और नायब के हैं बेहतर रिश्ते

मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी के बीच बेहतर रिश्ते हैं। साथ ही, नायब सिंह मनोहर लाल खट्टर के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं। करीब दो दशक से इन दोनों नेताओं के बीच दोस्ती है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मनोहर लाल की ही सिफारिश से नायब सिंह को कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव का टिकट मिला था। मौजूदा समय में नायब सिंह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। सैनी समुदाय की हरियाणा में जाटों के बाद बड़ी आबादी है। ऐसे में इन दोनों नेताओं के एक दूसरे के करीबी होने से दो समुदाय के वोट बैंक का फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिल सकता है।

Created On :   12 March 2024 11:37 AM GMT

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