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स्टंप तोड़कर विराट कोहली ने तोड़ा कप्तान रूट का घमंड
हाईलाइट
- विराट ने रूट से किया हिसाब बराबर।
- रूट को 80 रनों पर रन आउट कर दिया रिएक्शन।
- रूट के आउट होते ही इंग्लैंड के अगले 3 विकेट भी महज 27 रनों के अंदर ही सिमट गए।
डिजिटल डेस्क, लंदन। बर्मिंघम में भारत इंगलैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच के पहले दिन विराट कोहली ने अपना बदला पूरा किया। रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर रूट दूसरा रन चुराने के लिए दौड़े, लेकिन कप्तान कोहली ने सटीक निशाना लगाकर रूट को 80 रन पर ही रोक दिया। जिस समय जो रूट क्रीज पर मौजूद थे तब इंग्लैंड की स्थिति बेहद मजबूत थी और उसका स्कोर 216 रन पर 3 विकेट था। कप्तान विराट कोहली द्वारा इंग्लैंड की पारी के 63वें ओवर में कप्तान जो रूट को रनआउट किया। रूट के आउट होते ही इंग्लैंड के अगले 3 विकेट भी महज 27 रनों के अंदर ही सिमट गए।
कोहली ने इसके बाद ‘माइक ड्रॉप’ अंदाज में रूट के आउट होने का जश्न मनाया जैसा की इंग्लैंड के कप्तान ने पिछले महीने वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में शतक पूरा कर विराट की तरफ देखते हुए हाथ से अपना बल्ला गिराया था, इंग्लैंड ने वह सीरीज 2-1 से जीती थी। ऐसा कर विराट ने जो रूट के घमंड को चूर कर दिया। विराट कभी भी बदला लेने में पीछे नहीं हटते वे अपना हिसाब बराबर ही रखते हैं।
रूट का यह अंदाज उनके ही देश के सीनियर खिलाड़ियों को भी पसंद नहीं आया था। वनडे कप्तान इयोन मॉर्गन ने मीडिया के सामने रूट को गलत बताया था। इस मामले के बाद स्टुअर्ट ब्रॉड ने एंड्रू फ्लिंटॉफ की शर्ट लहराने वाली तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया था। रूट का शर्ट उतारकर मैदान का चक्कर लगाने के बजाए बल्ला गिराना अच्छा लगा हो, तो री-ट्वीट कीजिए।
पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने भी इस तरह लिया था बदला
फ्लिंटॉफ ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए वनडे में भारत को हराने के बाद मैदान में शर्ट उतार कर लहराई थी। इसके जवाब में पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने जुलाई 2002 में नैटवेस्ट सीरीज के फाइनल में इंग्लैंड को हराने के बाद लॉर्ड्स की बालकनी से अपनी शर्ट लहराई थी। हालांकि बाद में इस मामले में उन्होंने खुद को शर्मिंदा बताया था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।