गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने तोड़ा नेशनल रिकॉर्ड, जेवलीन में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय

indian javelin thrower Neeraj Chopra bags gold at Asian Games
गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने तोड़ा नेशनल रिकॉर्ड, जेवलीन में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय
गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने तोड़ा नेशनल रिकॉर्ड, जेवलीन में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय
हाईलाइट
  • जेवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है।
  • नीरज ने अपने पहले एशियाड में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता।
  • यह भारत का इस इवेंट में पहला गोल्ड है।

डिजिटल डेस्क, जकार्ता।  एशियन गेम्स के नौवें दिन भारत के नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। उन्होंने अपने पहले एशियाड के जैवलीन थ्रो इवेंट में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता। यह भारत का इस इवेंट में पहला गोल्ड है। इससे पहले 1982 एशियन गेम्स में भारत के गुरतेज सिंह ने इस इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। नीरज ने न केवल गोल्ड जीता, बल्कि नया नेशनल रिकॉर्ड भी बना दिया। वह एशियन गेम्स में भारत के ध्वजवाहक भी थे। उन्होंने एशियन गेम्स की तैयारी अपने मौजूदा कोच ओऊ हॉन की देखरेख में की है। वह इसके लिए हफ्ते में छह दिन और दिन में छह घंटे ट्रेनिंग करते थे।

एशियन गेम्स में नीरज ने सोमवार को 88.06 मीटर का थ्रो किया। इसके साथ ही उन्होंने दोहा लीग में बनाए अपने ही नेशनल रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। नीरज का पहला थ्रो 83.46 मीटर का रहा, जबकि दूसरा थ्रो फाउल रहा। नीरज का तीसरा थ्रो 88.06 मीटर का रहा। छह थ्रो में नीरज के दो थ्रो फाउल करार दिए गए, वहीं बाकी चार थ्रो में इस स्टार एथलीट ने 80 से ऊपर का स्कोर किया और भारत को नौवां गोल्ड जीता दिया। इस स्टार एथलीट ने लगातार अपने अच्छे प्रदर्शन से सबका दिल भी जीत लिया। आइए जानते हैं नीरज चोपड़ा के बचपन से लेकर गोल्ड मेडल जीतने तक की स्टोरी।


नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर,1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंदारा गांव में एक किसान के घर हुआ। स्कूल में पढ़ाई के वक्त वह अक्सर अपने पिता और चाचा के साथ खेत पर जाते थे। नीरज ने अपनी स्कूली पढ़ाई चंडीगढ़ से की है। बचपन से ही वह वॉलीबॉल खेलने में दिलचस्पी रखते थे। हालांकि अपने घर वालों के कहने पर वह जैवलीन थ्रो में आ गए। चोपड़ा बचपन से ही प्रतिभा के धनी रहे हैं। इस बात का पता इस बात से लग जाता है कि 2012 में महज 15 साल की उम्र में लखनऊ में नेशनल जूनियर चैंपियनशिप जीता था। उस टूर्नामेंट में अंडर-16 मुकाबल में चोपड़ा ने 68.46 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

नेशनल यूथ चैंपियनशिप 2013 में नीरज ने दूसरा स्थान हासिल किया। इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेन में होने वाले IAAF वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप के लिए भी क्वालिफाई किया, लेकिन वहां मेडल जीतने में नाकामयाब रहे। 2016 में नीरज का नाम पहली बार चर्चा में आया। उन्होंने 2016 साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। इस दौरान उन्होंने 82.23 मीटर की थ्रो के साथ नेशनल रिकॉर्ड की भी बराबरी की थी। इसके बाद उन्होंने पोलैंड के  Bydgoszcz में 2016 IAAF वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यहां उन्होंने वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड भी स्थापित किया। इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वह 2016 Summer ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में   नाकाम रहे, क्योंकि इन खेलों के लिए कट ऑफ़ डेट 11 जुलाई थी।

नीरज ने 2017 में एशियन एथलेटिक चैम्पियनशिप में एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता था। इस बार उन्होंने 85.23 मीटर की फेंक के साथ यह मेडल अपने नाम किया। वह केवल यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने शानदार फॉर्म को कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) में भी जारी रखा। नीरज चोपड़ा ने 2018 में CWG में पुरुषों के भाला फेंक इवेंट में 86.47 मीटर के साथ सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इसके साथ ही चोपड़ा CWG में इस इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने। इसके बाद उन्होंने मई 2018 में दोहा डायमंड लीग में 87.43 मीटर की थ्रो के साथ नया नेशनल रिकॉर्ड कायम किया।

Created On :   27 Aug 2018 3:46 PM GMT

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