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एशियन गेम्स 2018 में वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के खेलने पर सस्पेंस
हाईलाइट
- मीराबाई चानू पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या से जूझ रही हैं।
- एशियन गेम्स 2018 में उनके खेलने पर संशय।
- मुख्य कोच विजय शर्मा ने दी मीराबाई चानू को आराम करने की सलाह।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगस्त में होने वाले एशियन गेम्स 2018 से पहले भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा है। वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियन मीराबाई चानू फिलहाल पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या से जूझ रही हैं, जिसके चलते उनके एशियन गेम्स में भाग लेने पर संशय बना हुआ है। मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन की इस समस्या को देखते हुए मुख्य कोच विजय शर्मा ने उनका नाम वापस लेने का सोचा है।
भारत के मुख्य कोच विजय शर्मा ने मीराबाई चानू को आराम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि चानू को एशियन गेम्स की जगह इस साल नवंबर में होने वाले ओलंपिक क्वालिफायर पर ध्यान देना चाहिए। मीराबाई चानू मई से ही पीठ में दर्द की समस्या से जूझ रही हैं। पिछले सप्ताह कुछ राहत मिलने के बाद उन्होंने एक बार फिर प्रेक्टिस शुरु की, लेकिन अब उन्हें फिर से दर्द शुरु हो गया है। वे अभी नियमित अभ्यास से भी दूर हैं।
विजय ने कहा कि हम चोट के बढ़ने का खतरा मोल नहीं लेना चाहते। उन्होंने कहा, 'मैंने महासंघ को रिपोर्ट भेज दी है। अब उन्हें फैसला लेना है कि चानू खेलेगी या नहीं। मेरे विचार से ओलंपिक क्वालिफायर एशियन गेम्स से ज्यादा जरूरी है और चानू को उसपर ध्यान देने की जरूरत है। डॉक्टरों का कहना है कि उनके लिगामेंट में छोटी चोट है जो कि एमआरआई और सिटी स्कैन में नहीं दिख रही। वहीं इंडियन रेस्लिंग फेडरेशन के सचिव सहदेव यादव ने कहा कि चानू को लेकर गुरुवार तक फैसला दे दिया जाएगा।
बता दें कि एक नवंबर से वर्ल्ड चैम्पियनशिप शुरू होना है। यह इस साल ओलिंपिक क्वालिफायर के लिए पहली प्रतियोगिता होगी। इन खेलों में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रही मीराबाई के हटने से भारत को बड़ा झटका लगेगा। मणिपुर की इस खिलाड़ी ने पिछले साल नवंबर में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 48 किलो भार वर्ग में 194 (85किग्रा+109किग्रा) का भार उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स में नेशनल रिकॉर्ड बनाते हुए मीराबाई ने 196 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।