मध्यप्रदेश: स्वास्थ्य क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने किया है नवाचार - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

- प्रदेश के दौरे पर दिल्ली से आया अवर सचिवों का दल
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव से भारत सरकार के अधिकारियों ने की भेंट
- विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मंगलवार को मंत्रालय में प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव विनोद बिहारी सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों के 38 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की।
प्रतिनिधि मंडल में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत अवर सचिव शामिल थे। यह सभी अवर सचिव इस मिड कैरियर कोर्स के उपरान्त उप सचिव के पद पर पदोन्नत होंगे और अलग-अलग मंत्रालयों में उनकी पदस्थापना की जाएगी। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने तीन दिवसीय मध्यप्रदेश यात्रा में विश्व धरोहर स्मारक सांची (जिला रायसेन) और हिल स्टेशन पचमढ़ी (जिला नर्मदापुरम) का भ्रमण भी किया। भारत सरकार के अधिकारियों ने बताया कि वे मध्यप्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक विरासत से प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश के हृदय प्रदेश में सभी का स्वागत है। मध्यप्रदेश अनेक नवाचारों को अपनाते हुए विभिन्न क्षेत्रों में विकास के पैमानों पर कार्य कर रहा है। नागरिकों को स्वास्थ्य क्षेत्र में विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं। आयुष्मान कार्डधारी और अन्य नागरिकों को आपातकाल में जीवन रक्षा के लिए एयर एम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। इसी तरह मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का कार्य निरंतर हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत सरकार के अधिकारियों को जानकारी दी कि पीपीपी मॉडल के आधार पर जिला अस्पतालों का मेडिकल कॉलेज के रूप में उन्नयन कर आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस मॉडल की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए मात्र एक रुपए में 25 एकड़ भूमि के आवंटन, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध करवाने और मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन, प्राप्त शुल्क राशि से किए जाने की व्यवस्था की गई है। इस पहल का नागरिकों को व्यापक स्तर पर लाभ प्राप्त होगा।
मध्यप्रदेश के स्मारकों और मंदिरों की संरचना पर केंद्रित हैं नई दिल्ली के महत्वपूर्ण भवन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि जहां राष्ट्रपति भवन का सेंट्रल डोम(मुख्य गुम्बद) सांची के स्तूप से प्रेरित है। वहीं पुरानी संसद भवन का आकल्पन मुरैना जिले के मितावली- पड़ावली स्थित 64 योगिनी मंदिर की तरह किया गया था। नए संसद भवन की डिजाइन भी प्रदेश के विदिशा स्थित विजयपुर मंदिर की संरचना से मिलती जुलती है। इस तरह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में महत्वपूर्ण भवनों के निर्माण में मध्यप्रदेश के स्मारकों और मंदिरों के अनुरूप आकल्पन प्रदेश के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि भारत सरकार के यह सभी अधिकारी जनकल्याण की दृष्टि से विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
Created On :   3 Sept 2025 1:52 AM IST