Amravati News: हड्डियां और खोपड़ी के अवशेष ही मिले, बाघ ने पूरा शरीर किया छलनी

  • मेलघाट में बाघ के हमले में आदिवासी की दर्दनाक मौत
  • हरीसाल वनपरिक्षेत्र में एक और खौफनाक घटना, इलाके में दहशत
  • आदमखोर बाघ को पकड़ने वन कार्यालय पर धमके ग्रामवासी

Amravati News मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के गुगामल वन्यजीव विभाग के अंतर्गत आने वाले हरीसाल वनपरिक्षेत्र में बाघ के हमले में एक आदिवासी की दर्दनाक मौत की घटना सामने आई है। हमले की भयावहता इस कदर थी कि मृतक का पूरा शरीर बाघ ने खा लिया और केवल हड्डियां और खोपड़ी के कुछ हिस्से ही मौके पर पाए गए। इस दर्दनाक घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

काम पर गया था जंगल, बाघ ने किया हमला : मिली जानकारी के अनुसार, हरीसाल गांव निवासी मन्नु बाभल्या जावरकर (55 वर्ष) बीते सोमवार, 2 जून को काम के सिलसिले में हरीसाल सर्कल के अंतर्गत सेवरीमुंडा बीट के वनखंड क्रमांक 642 के समीप जंगल में गया था। तभी घात लगाए बैठे बाघ ने उस पर हमला कर दिया और उसकी जान ले ली। मन्नु जब देर शाम तक घर नहीं लौटा, तो परिवारवालों ने उसकी तलाश शुरू की। बुधवार सुबह ग्रामीणों ने जंगल के पास मन्नु के कपड़े और अधजल हालत में खोपड़ी देखी, तो हर कोई सन्न रह गया।

पुलिस और वन विभाग ने जुटाए अवशेष : घटना की जानकारी मिलते ही धारणी पुलिस थाने के निरीक्षक अशोक जाधव के मार्गदर्शन में पुलिस कर्मचारी शेख गणी, मोहित आकाशे, जगत तेलगोटे और अन्य ने जंगल में खोज अभियान चलाया। काफी मशक्कत के बाद मन्नु के शरीर की हड्डियां और अन्य अवशेष बरामद किए गए। पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए धारणी उपजिला अस्पताल भेजा गया।

पहले भी वन्यप्राणी के हमले का शिकार हुआ था मन्नु : मन्नु जावरकर की पत्नी ने बताया कि कुछ साल पहले भी मन्नु पर एक वन्यप्राणी ने हमला किया था, जिसमें उसके पैर गंभीर रूप से घायल हुए थे। तब वन विभाग ने केवल 5,000 रुपए की सहायता देकर मामला शांत कर दिया था। मन्नु अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और दो बेटियों का परिवार छोड़ गया है। उसकी मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने वनविभाग कार्यालय में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और बाघ को पकड़ने की मांग की।

दो वर्षों में चार मौतें, जनता में आक्रोश : हरीसाल वनपरिक्षेत्र के आसपास के जंगलों में बीते दो वर्षों में यह चौथी घटना है। पहले कारा, फिर केसरपुर, उसके बाद केली और अब हरीसाल, ऐसे चार गांवों में बाघ के हमलों में चार लोगों की जान जा चुकी है। लगातार हो रही घटनाओं से क्षेत्र में बाघ की दहशत व्याप्त है और नागरिकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।

बाघ को पकड़ने की मांग को लेकर भारी भीड़ : लगातार हो रही घटनाओं के विरोध में बड़ी संख्या में ग्रामीण वन विभाग कार्यालय पहुंचे। उन्होंने वन अधिकारियों से बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

प्रशासन और वनविभाग सतर्क, कड़ा बंदोबस्त : घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी वनपरिक्षेत्र अधिकारी राहुल दैय्यत, एसीएफ पी.एम. मोगरे, थानेदार अशोक जाधव, तारुबांदा वनपरिक्षेत्र अधिकारी राजेश महल्ले सहित बड़ी संख्या में पुलिस और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए क्षेत्र में कड़ा बंदोबस्त किया गया है।

Created On :   5 Jun 2025 3:04 PM IST

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