Amravati News: फैसला: खत्म होगा प्रशासक राज, अब नेता फिर पहुंचेगे जनता के द्वार

फैसला: खत्म होगा प्रशासक राज,  अब नेता फिर पहुंचेगे जनता के द्वार
  • तीन साल बाद चार माह में होंगे निकाय चुनाव
  • दलों के साथ लोगों में भी उत्साह

Amravati News तीन वर्षों से निकाय प्रभागों में पार्षद नहीं है। इसका सबसे अधिक असर प्रभागों के विकास और खासकर सफाई व्यवस्था पर पड़ने से प्रशासक राज से परेशान हुए नागरिकों के लिए अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण की स्थिति वर्ष 2022 के पूर्ववत रखे जाने के आदेश के साथ ही स्थानीय निकायों के आम चुनाव चार माह में कराने का फैसला मंगलवार को सुनाया। जिससे महानगर पालिका, जिला परिषद, नगर परिषद, नगर पंचायत और पंचायत समितियों समेत सभी निकायों में चुनाव लड़ने के इच्छुक विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं समेत नागरिकों में फिर उत्साह लौट आया है। निकाय संस्थाओं पर प्रशासक राज लागू रहने के कारण शहर और ग्रामीण विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

संभावित तिथियां और अधिसूचना : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, चुनाव सितंबर या अक्टूबर 2025 में आयोजित किए जा सकते हैं। इसकी अधिसूचना जून के पहले सप्ताह में जारी होने की संभावना है। इसके साथ ही महानगरपालिका सहित ‘मिनी मंत्रालय’ जिला परिषद में भी राजनीतिक गतिविधियां तेज़ होने लगी हैं। मनपा में पूर्व में भाजपा का पांच वर्ष का कार्यकाल रहा, जिसमें पहले संजय नरवणे और फिर चेतन गावंडे ने महापौर रहे। उनका कार्यकाल 8 मार्च 2022 को समाप्त हुआ, जिसके बाद 9 मार्च से प्रशासक राज लागू हुआ। तब से अब तक डॉ. प्रवीण आष्टीकर, देवीदास पवार के बाद वर्तमान में सचिन कलंत्रे मनपा आयुक्त के रूप में प्रशासक की भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान राजनीतिक नेतृत्व के अभाव में कई महत्वपूर्ण निर्णय, जैसे स्वच्छता ठेका और ग्रीन ज़ोन आरक्षण परिवर्तन, विवादों में रहे।

पहले 22 और फिर 33 प्रभाग किए : पूर्व में मनपा में 22 प्रभाग और 87 नगरसेवक थे। बाद में यह संख्या बढ़ाकर 33 प्रभाग और 98 नगरसेवकों तक की गई, जिसमें 32 प्रभागों में तीन-तीन तथा एक प्रभाग में दो नगरसेवकों की व्यवस्था की गई थी।

हालांकि, सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश पर नई प्रभाग रचना को स्थगित कर दिया था।

जिप में सर्कल बढ़े, सदस्य संख्या 66 : जिला परिषद की सदस्य संख्या को 59 से बढ़ाकर 66 किया गया था। 28 जुलाई 2022 को आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न हुई थी, जिसमें 50 प्रतिशत यानी 33 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और सामान्य वर्ग में आरक्षण का अनुपात नियमानुसार निर्धारित किया गया था।

भाजपा का होगा महापौर : जनप्रतिनिधियों के अभाव में मनपा, जिला परिषद, नगर परिषद, नगर पंचायत और पंचायत समितियों में जनविकास के काम प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में अमरावती महानगर पालिका पर भाजपा का विजयी परचम लहराया जाएगा। भाजपा का ही महापौर होगा। - प्रवीण पोटे पाटील, शहर अध्यक्ष भाजपा

विकास कामों को गति मिलेगी : स्थानीय निकाय संस्था लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय लोकतंत्र को सशक्त बनाने वाला है और इससे विकास कार्यों को गति मिलेगी। - चेतन गावंडे, पूर्व महापौर


Created On :   7 May 2025 2:57 PM IST

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