सफाई अभियान: स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में 124 और राज्य में 25वें स्थान पर अमरावती शहर

स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में 124 और राज्य में 25वें स्थान पर अमरावती शहर
  • सफाई के नाम पर दौड़ा रहे कागजी घोड़े
  • शहर में चारों तरफ गंदगी का आलम
  • ठेकेदार कर रहे करोड़ों रुपए खर्च फिर भी नतीजा सिफर

डिजिटल डेस्क, अमरावती। शहर की सफाई पर हर माह करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी गंदगी साफ नहीं हो रही है। हैरानी की बात तो यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में देश के 446 शहरों में से अमरावती का 126वां नंबर आया। वहीं, राज्य में भी 44 में से 25वें नंबर पर पहुंच गए। उससे भी हैरानी की बात यह है कि मनपा के ठेकेदारों ने अपना इतना वर्चस्व बना रखा है कि सफाई जैसा गंभीर मुद्दा ही कोई उठाने के लिए तैयार नहीं है। दिखावे के लिए हर बार विधायक और सांसद मामले को उठाते हैं लेकिन बैठक खत्म होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। जमीनी स्तर पर उसका कोई भी परिणाम देखने को नहीं मिलता है।

देश में एक तिहाई में भी नहीं लगा नंबर : अमरावती की गंदगी का आलम इस बात से लगाया जा सकता है कि देश में 466 में से 126वां नंबर आया है। एक तिहाई से भी अधिक शहरों में अमरावती का नंबर नहीं आया है। वहीं, दूसरी ओर राज्य में 44 में से 25 अर्थात आधे शहरों में भी अमरावती का नाम शामिल नहीं है।

साढ़े 9 हजार में से मिले 55 सौ नंबर : विशेष बात यह है कि मनपा में एक ओर जहां सिर्फ सफाई पर ही करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर स्वच्छ भारत मिशन में भी बड़े पैमाने पर साफ-सफाई पर खर्च किया जा रहा है। इसके बाद भी आधे ही नंबर मिल रहे हैं। अमरावती मनपा अर्बन लोकल बॉडी (यूएलबी) को 9 हजार 500 में से 5500.64 नंबर मिले। वहीं, देश में औसत 3526 नंबर और राज्य के हिसाब से औसत से 4 हजार 902 नंबर मिले।

चौथे चरण के सर्वे में मिले अधिक नंबर : स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 चार चरणों में हुआ। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में पहले चरण में अमरावती शहर को 286.50 नंबर मिले। वहीं, दूसरे चरण में 391.30 नंबर, तीसरे चरण में 881.70 नंबर और चौथे चरण में 1151.20 नंबर मिले। अंतिम चरण में सबसे अधिक नंबर अमरावती को मिले। वहीं, सर्टिफिकेशन में खुले में शौच मुक्त शहर में ढाई हजार में से 1125 नंबर मिले। वहीं, सिटीजन वॉइस में 2170 में से 1664.90 नंबर मिले।

अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब मनपा आयुक्त देवीदास पवार को फोन पर कई बार संपर्क किया लेकिन उन्होंने मामले में कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, उपायुक्त मेघना वासनकर अवकाश पर थीं। स्वच्छ भारत मिशन की शहर समन्वयक श्वेता बौके ने भी फोन का कोई जवाब नहीं दिया। बताया गया कि वह कार्यक्रम के चलते दिल्ली में हैं।

Created On :   12 Jan 2024 10:29 AM GMT

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