सेहत: चंद्रपुर के जीएमसी में उष्माघात के मरीजों के लिए 8 बेड की सुविधा उपलब्ध

चंद्रपुर के जीएमसी में उष्माघात के मरीजों के लिए 8 बेड की सुविधा उपलब्ध
  • गर्मी में बढ़ जाता है हीट स्ट्रोक का खतरा
  • 15 तहसीलों से लोग जिला अस्पताल में आते हैं उपचार के लिए
  • गर्मी से बचाव के लिए किया जा रहा जनजागरण, बताए जा रहे उपाय

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ग्रीष्मकाल के दिनों में उष्माघात (हीट स्ट्रोक) का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर भर में जनजागृति के लिए बैनर पोस्टर लगाए जाएंगे। स्थानीय शासकीय मेडिकल कालेज में कोल्ड रूम स्थापित कर 8 बेड आरक्षित किए हैं।

जिले की 15 तहसील के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए एक मेडिकल कालेज, जिला सरकारी अस्पताल, वरोरा, मूल, चिमूर और राजुरा में उपजिला अस्पताल, 9 ग्रामीण अस्पताल और 58 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। जिले के बढ़ते तापमान को देखते हुए सभी हाॅस्पिटल में व्यवस्था की गई है। साथ ही किसी मरीज को आवश्यकता पड़ने पर रेफरल गाइड लाइन दी गई है, सभी प्रकार की दवा, ट्रांसपोर्टिंग के लिए 102, अथवा 108 क्रमांक पर फोन कर तत्काल सेवा प्राप्त की जा सकती है।

जिले में जनजागृति के लिए दर्शनीय स्थानों पर बैनर पोस्टर लगाकर नागरिकों को उष्माघात से बचाव के सुझाव दिए हंै। हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए इन दिनों अधिक से अधिक पानी, ओआरएस का घोल, तरल पदार्थ पीते रहे। तेज धूप में बाहर निकलने से बचे, ठंड वाली जगह पर रहे। उष्माघात की वजह से किडनी अथवा शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर देते हंै, पानी की कमी से ब्लडप्रेशर कम होने लगता है और शरीर के अंग कमजोर हो सकते हैं। मस्तिष्क का ब्लड सर्कुलेशन कम होना मरीज के लिए घातक हो सकता है। इसलिए सभी नागरिकों को इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा जारी की गाइड लाइन का पालन करना चाहिए।

Created On :   19 April 2024 9:44 AM GMT

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