मनमानी: शंकरपट (बैलों की दौड़) के लिए काट दिए हरे-भरे पेड़ , पौधारोपण अभियान की उड़ाई धज्जियां

शंकरपट (बैलों की दौड़) के लिए काट दिए हरे-भरे पेड़ , पौधारोपण अभियान की उड़ाई धज्जियां
  • शिकायत के बावजूद वन विभाग नहीं दे रहा ध्यान
  • वनविभाग के नाका के सामने लगे थे महुआ, येन, धावड़ा, खैर, भेरा, आंजन, हिरडा के पेड़
  • आयोजन के लिए सारे वृक्षों को कर दिया कत्ल

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ग्रामीण क्षेत्र में मशहूर शंकरपट (बैलों की रेस का खेल) के लिए सैकड़ों मीटर जंगल साफ करके दर्जनों पेड़ों की अवैध रूप से कटाई करने का मामला चिमूर तहसील अंतर्गत आनेवाले ग्राम काजलसर परिसर में सामने आया है। इस संबंध में गांव के कुछ युवाओं ने वनविभाग के स्थानीय अधिकारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक इसकी शिकायत की। बावजूद अब तक संज्ञान नहीं लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एक ओर वनविभाग की ओर से पौधारोपण अभियान चलाया जाता है तो दूसरी ओर जंगल कटाई की ओर अनभिज्ञ रहने से कई सवाल उपस्थित हो रहे हैं। तलोधी वनपरिक्षेत्र अधिकारी को पिछले माह हुई शिकायत में बताया गया कि, ग्राम काजलसर के गट क्र. 381/1 जो महाराष्ट्र शासन वनविभाग अंतर्गत आता है, में पिछले वर्ष औसत 1500 से 1700 मीटर लंबी और 200 से 300 मीटर तक चौड़ाई तक जंगल की शंकरपट के लिए वनविभाग की कोई भी अनुमति न लेते हुए अवैध रूप से वृक्षों की कटाई की गई। धारा 48 क के तहत पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन और वन-वन्यजीवसृष्टि के रक्षण करने के नियम का उल्लंघन कर प्रकृति को नुकसान पहुंचाया।

केंद्र सरकार व राज्य सरकार के निर्देशाअनुसार वनविभाग ने जंगल संवर्धन करने विविध उपाय योजना कर जंगलवृद्धि के लिए विविध उपक्रम चलाकर जंगल क्षेत्र बढ़ाने का काम किया जा रहा है। ऐसे में काजलसर परिसर में वनविभाग के नाका के सामने स्थित परिसर में लगे महुआ, येन, धावड़ा, खैर, भेरा, आंजन, हिरडा जैसे बड़े वृक्षों की शंकरपट के लिए कटाई करना निंदनीय है। शिकायतकर्ता भास्कर नागपुरे, अतुल नागपुरे, जितेंद्र सामुसाकडे, विशाल बालबुद्धे, वैभव पेटकुले, अजीत कावले, सुधीर चौधरी आदि ने बताया कि, वनरक्षक को जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। वृक्षों की कटाई मामले का गंभीर रूप से संज्ञान लेकर वनसंरक्षण व वन संवर्धन अधिनियम 1980 के तहत उचित कार्रवाई करें। दरम्यान आरएफओ और क्षेत्र सहायक को शिकायत करने के बावजूद कोई संज्ञान नहीं लेने के चलते 30 जनवरी को ब्रह्मपुरी के उपवनसंरक्षक को शिकायत की गई। 5 फरवरी को चंद्रपुर के मुख्य वनसंरक्षक को शिकायत दी गई। उन्हें बताया गया कि, वनरक्षक, आरओ, आरएफओ जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की।

मौके पर जाकर जांच-पड़ताल की : तलोधी के आरएफओ कन्नमवार ने बताया कि, शिकायत आते ही मैंने अपनी टीम के साथ मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। लगभग डेढ़ एकड़ में खुला मैदान है। वर्तमान में वृक्षों की कटाई हुई है, ऐसा कुछ नहीं दिखा। मामला काफी पुराना है। मौके पर गांव के नागरिक भी उपस्थित थे किंतु शिकायतकर्ताओं को बुलाने के बावजूद मौके पर नहीं आने से जांच में सहयोग नहीं मिल रहा है। वह इलाका प्रतिबंधित कर देंगे । पता चला है कि, गांव समीप खुली जगह के उपयोग को लेकर दो गुटों में आपसी विवाद है। शिकायतकर्ता उस मैदान में प्रैक्टीस करते हंै तो कुछ ग्रामीण उसका उपयोग शंकरपट के लिए करते हंै। दौड़ने हेतु दोनों ने आधी-आधी खाली जगह का उपयोग करना चाहिए। आपस में सुलह न हुई तो वह एरिया ही सभी के लिए प्रतिबंध कर देंगे। रही बात वृक्ष कटाई की, उसके जांच करने के आदेश तलोधी के आरएफओ को दिए हैं। - दीपेश मल्होत्रा, डीसीएफ, ब्रह्मपुरी वनविभाग

Created On :   21 Feb 2024 10:54 AM GMT

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