Chhindwara News: पिछले साल अब तक की स्थिति में कई बार माचागोरा बांध के गेट खोले जा चुके थे

पिछले साल अब तक की स्थिति में कई बार माचागोरा बांध के गेट खोले जा चुके थे
  • माचागोरा बांध...पिछले साल जुलाई में खुल गए थे गेट, इस बार अगस्त आधा गुजरा, गेट खोलने की नौबत नहीं आई
  • शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले कन्हरगांव के भी बुरे हाल

Chhindwara News: सब जगह से अच्छी बारिश की खबर आ रही है, लेकिन छिंदवाड़ा जिले में इस बार मानसून सुस्त पड़ा है। अब तक 996.3 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 176.8 मिमी कम है। पिछले साल जिले में अब तक की स्थिति में 872.8 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी थी। कम बारिश का असर जिले के बांधों पर साफ दिखाई दे रहा है। जिले के सबसे बड़े माचागोरा बांध बमुश्किल भरने की स्थिति है।

पिछले साल 24 जुलाई को ही माचागोरा बांध के गेट खोलने की नौबत आ गई थी, अगस्त की स्थिति में तो कई बार गेट ओपन किए जा चुके थे। इस बार कुल 625.75 मीटर जलस्तर क्षमता वाले डेम का लेवल 623.76 मीटर पर पहुंच पाया है।

४२१ एमसीएम क्षमता के विरूद्ध अभी ३२३ एमसीएम पानी

जिले के एक मात्र मेजर डेम माचागोरा की कुल लाइव स्टोरेज क्षमता ४२१.२ एमसीएम है। अब तक डेम में ३२३.८१ एमसीएम पानी इकट्ठा हो पाया है। जबकि पिछले साल जुलाई से गेट ओपनिंग यानी पानी छोडऩे के बावजूद अब तक की स्थिति में ३२५.२७ एमसीएम पानी स्टोर हो गया था।

बड़े बांधों में सिर्फ माचागोरा के ही गेट नहीं खुल पाए

प्रदेश के बड़े बांधों में सिर्फ माचागोरा बांध ही ऐसा है जिसके इस बार अब तक गेट ओपन करने की स्थिति नहीं बन पाई है। बरगी, सतपुड़ा, तवा जैसे बड़े बांधों के गेट कई बार खोले जा चुके हैं। पिछले सालों का रिकार्ड देखें तो माचागोरा बांध के हर बार जुलाई में ही गेट खुले हैं। यह पहला मौका है जब माचागोरा बांध पानी की आवक को तरस रहा है।

शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले कन्हरगांव के भी बुरे हाल

छिंदवाड़ा शहर मेें कन्हरगांव व माचागोरा बांध से जलापूर्ति की जाती है। माचागोरा से साल भर में ६ एमसीएम तो कन्हरगांव से ७ एमसीएम पानी लिया जाता है। कन्हरगांव डेम की स्थिति इस बार अब तक की स्थिति में चिंता बढ़ाने वाली है। कुल २३.०६ एमसीएम स्टोरेज क्षमता वाले कन्हरगांव डेम में अब तक ९.३९ एमसीएम पानी ही इकट्ठा हो पाया है। पिछले साल अब तक की अवधि में १२.१२ एमसीएम पानी जमा हो गया था।

१४५ से ३१ जलाशय ही सौ फीसदी भर पाए

जिले में छोटे व मध्यम श्रेणी के कुल १४५ जलाशया हैं, जिनमें अब तक की बारिश में कुल ३१ जलाशय ही सौ फीसदी तक भर पाए हैं। वहीं ७ जलाशय भरने की कगार पर यानी ७५ फीसदी से ज्यादा पानी इकट्ठा कर पाए हैं। २१ जलाशय ऐसे हैं जो ५० फीसदी से ज्यादा भर पाए हैं। २४ जलाशय २५ से ५० प्रतिशत के बीच में अटके हुए हैं। जबकि कुल २५ फीसदी पानी जोड़ पाए जलाशयों की संख्या सर्वाधिक है।

यलो अलर्ट: अगले २४ घंटे में झमाझम बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी आंध्रप्रदेश और दक्षिण ओडिशा तटों से दूर पश्चिम और उससे सटे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। इससे एक बार जोरदार बारिश वाला मौसम बनने वाला है। जिले में आगामी 24 घंटे में झमाझम बारिश की चेतवानी के साथ यलो अलर्ट जारी किया गया है। गौरतलब है कि जिले में बीते 24 घंटे के दौरान 29.3 मिमी औसत बारिश आंकी गई है। जिसके चलते कुल औसत बारिश 696.3 मिमी तक पहुंच गई है।

मोहखेड़ में तीन इंच बारिश: जिले में बीते 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक बारिश मोहखेड़ विकासखंड में दर्ज की गई। इस दौरान मोहखेड़ में 72.1 मिमी. बारिश तथा वसबसे कम बारिश उमरेठ में 8.6 मिमी आंकी गई। वहीं छिंदवाड़ा में 35, अमरवाड़ा में 40.2, चौरई में 9.8, हर्रई में 11.8, बिछुआ में 63.4, परासिया में 15.2, जुन्नारदेव में 21.4, चांद में 44.8 बारिश दर्ज की गई है।

हर्रई में एक हजार मिमी. से अधिक बारिश: जिले में इस सीजन हर्रई विकासखंड में झमाझम बारिश का दौर चल रहा है। जिसके चलते हर्रई की औसत बारिश 1002 मिमी तक पहुंच गई है। वहीं छिंदवाड़ा में 614, मोहखेड़ 644, तामिया में 743, अमरवाड़ा में 717.2, चौरई में 638.4, बिछुआ में 605.2, परासिया में 569.4, जुन्नारदेव में 710.8, चांद में 732.3, उमरेठ में 711.1, सौंसर 936.5 एवं पांढुर्णा में 696.5 मिमी. औसत बारिश दर्ज की गई है।

Created On :   18 Aug 2025 2:20 PM IST

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