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Chhindwara News: जिले के बगीचों में महक रही दूसरे प्रदेशों के आमों की किस्म

- यूपी-गुजरात का केसर और अंबिका आम, बगीचों में ट्रायल के लिए लगाए 100-100 पौधे हुए सफल
- उद्यानिकी विभाग की माने तो जिले में संतरा के बाद आम की फसल का सबसे ज्यादा रकबा है।
- उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां की मिट्टी और वातावरण से उत्पादन बढ़ा है।
Chhindwara News: आम की बढ़ती किस्म और व्यापार का नतीजा है कि इसका रकबा जिले में हर साल बढ़ रहा है। पिछले कुछ सालों में उद्यानिकी विभाग और बाग-बगीचों में रुचि रखने वाले लोगों ने इस बंधन को तोड़ दिया है। जिले में वैसे तो लंगड़ा, दशहरी, मल्लिका, आम्रपाली, चौसा, बॉम्बे ग्रीन और नीलम जैसे दर्जनों आम की प्रजाति सालों से उपलब्ध है। अब उद्यानिकी विभाग ने दूसरे प्रदेशों में होने वाले आमों की अन्य किस्मों को भी अपनी नर्सरी में लगाने का ट्रायल किया है और वह इस नवाचार में सफल भी हो रहे हैं।
जिले के किसान अब अनाज, सब्जी उत्पादन के साथ अब फूल व फल की खेती में नवाचार कर रहे हैं। प्रदेश के बाहर से आम की विकसित किस्मों के पौधे लाकर रोपण कर रहे हैं। इधर उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में भी यूपी-गुजरात में होने वाले केसर और अम्बिका किस्म के फसलों के पौधे लगाए हैं। जिले के बगीचों में इन पौधों को लगाया जा रहा है कुछ जगह तो इसके फल भी मिलने लगे हैं। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां की मिट्टी और वातावरण से उत्पादन बढ़ा है।
आम की फसल का हर साल बढ़ रहा रकबा
वर्ष 2023–24: आम की फसल तकरीबन 1942 हेक्टेयर रही जिससे 29 हजार 132 मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था। इस लिहाज से प्रति हेक्टेयर तकरीबन 15 मैट्रिक टन आम का औसत उत्पादन लिया जाता रहा है।
वर्ष 2024–25: इस वर्ष कुल 1972.1 हेक्टेयर में आम की फसल रही है जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहा है। उद्यानिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रति हेक्टेयर 29 हजार 564 मैट्रिक टन उत्पादन का आंकलन है। यहां पर 18.85 टन प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन लिया जाता है।
संतरे के बाद अब आम पर रूझान
उद्यानिकी विभाग की माने तो जिले में संतरा के बाद आम की फसल का सबसे ज्यादा रकबा है। यानी संतरे के बाद आम की फसल लोगों की सबसे ज्यादा पसंद आ रही है। आंकड़ों की बात करें तो संतरा 24 हजार 536 हेक्टेयर में लगाया जाता है जबकि आम दूसरे नंबर मे 1972 हेक्टेयर में लगाया है। विभागीय अधिकारियों की माने तो पिछले कुछ सालों में आम का रकबा लगातार बढ़ रहा है।
इनका कहना है
फलों की खेती के प्रति लोगों को रूझान बढ़ा है। पिछले कुछ सालों में हमने आम की विभिन्न किस्मों के प्रयोग किए हैं।
-एम.एल.उईके, उपसंचालक, उद्यानिकी विभाग
गुजरात में होने वाला केसर, यूपीकी अम्बिका सहित नई किस्मों में अल्फांसो, मियाजाकी, अंबिका, हिमसागर, तोतापरी, लक्ष्मण भोग, बेगनपल्ली, अर्का, अरुणिमा सभी के 100-100 पौधे ट्रायल में ग्राम जमुनिया में स्थित रोपणी में लगाए हैं। यहां का वातावरण अच्छा है और यह ट्रायल सक्सेस भी हो रहा है।
- सालकराम चौकसे, उद्यान अधीक्षक, शासकीय उद्यान रोपनी जमुनिया
Created On :   19 May 2025 1:20 PM IST