Jabalpur News: करोड़ों खर्च करने के बाद भी हर दिन 'बत्ती गुल'

करोड़ों खर्च करने के बाद भी हर दिन बत्ती गुल
  • ट्रिपिंग से नहीं मिल रही निजात, लाइनें पुरानी, ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड, लो-वोल्टेज की समस्या से भी परेशानी
  • बिजली अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बाद भी लोगों की परेशानी नहीं मिट रही है

Jabalpur News: सिटी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के मेंटेनेंस पर एक सीजन में करीब एक कराेड़ रुपए खर्च होने के बाद भी समस्या में सुधार के तमाम दावों के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। हर क्षेत्र में बार-बार फाल्ट आ रहे हैं। बिजली सिस्टम को पटरी पर लौटने में वक्त लग रहा है। बिजली अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बाद भी लोगों की परेशानी नहीं मिट रही है। बताया जाता है कि कई इलाकों में अब भी कई साल पुरानी केबल चल रही हैं।

गर्मी में लोड बढ़ते ही ये लाइनें फेल हो जाती हैं। ट्रांसफाॅर्मर भी ओवरलोड हो चुके हैं, लेकिन बदले नहीं जा रहे। बिजली अधिकारियों का कहना है कि मेंटेनेंस जारी है। जल्दी सुधरने की बात कही जा रही है। जानकारी के अनुसार जबलपुर सिटी में मदन महल, धनवंतरी नगर, विजय नगर, माढ़ोताल, करमेता, रांझी, सुहागी, महाराजपुर, अधारताल, घमापुर, कांचघर, मिलौनीगंज आदि जगहों से ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। कुछ का तो निराकरण हो गया लेकिन बहुत से लोग घंटों परेशान होते रहे।

लो वोल्टेज से जल रहे उपकरण

इसके साथ ही शहर के कई क्षेत्रों में लो वोल्टेज की समस्या भी बनी हुई है। इसके कारण लोगों के बिजली के उपकरण भी खराब हो रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ट्रांसफाॅर्मरों के ओवरलोड हाेने के कारण लो-वोल्टेज की समस्या हो रही है। लोगों द्वारा इसकी बराबर शिकायतें की जा रही हैं। हालांकि बिजली अधिकारियों द्वारा रोज अभियान चलाकर मरम्मत कार्य किए जा रहे हैं। तत्काल सुधार काम भी किए जा रहे हैं।

एक्सपर्ट व्यू| बिजली मामलों के जानकार इंजीनियर राजेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि मेंटेनेंस के जो काम किए जाने चाहिए वो प्रॉपर होते नहीं हैं। केबिल बदलना, पोल सीधे करना, तारों के मकड़जाल सुधार करना जैसे काम किए जाने चाहिए।मेंटेंनेंस के कामों के लिए समय पर भुगतान भी नहीं किया जाता है। इसके कारण जो राशि मिलती है उसका ही उपयोग नहीं कर पाती है। इसके साथ ही नान ट्रेंड आउटसोर्स कर्मियों से काम कराया जाता है।

इन जगहों पर सबसे अधिक ट्रिपिंग

इन क्षेेत्रों में क्षमता से अधिक कनेक्शन होने के कारण लोड अधिक है। बिजली चोरी के मामले भी यहां अधिक हैं। इस वजह से लाइन ट्रिप अधिक होती है।

रांझी , मानेगांव , घमापुर , कांचघर , माढ़ोताल, करमेता, अमखेरा, अधारताल।

हर संभाग के लिए 750 श्रमिक

बिजली वितरण कंपनी द्वारा प्रत्येक संभाग के लिए एक सीजन के लिए 750 श्रमिक मेंटेनेंस के लिए दिए जाते हैं। इसके साथ ही कुछ राशि मटेरियल के लिए भी दी जाती है। जबलपुर सिटी में पांच एवं ग्रामीण क्षेत्र में तीन संभाग हैं। इस प्रकार हर सीजन में करीब एक करोड़ रुपए खर्च कर मेंटेनेंस किया जा रहा है, फिर भी शहरवासियों को राहत नहीं मिल पा रही है।

गर्मी के इस मौसम में बार-बार हो रही ट्रिपिंग और घंटों की बिजली कटौती से नागरिक परेशान हैं। कई जगहों पर तो रोजाना 3 से 4 बार बिजली गुल हो रही है। कई इलाकों में रहने वाले लोग रोजमर्रा के कार्यों में बाधा और बच्चों की पढ़ाई में रुकावट की शिकायत कर रहे हैं।

Created On :   23 Jun 2025 6:51 PM IST

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