Jabalpur News: सोलर लगाने का प्रयोग हर जगह, विभाग ने खुद की छत को खाली छोड़ा

सोलर लगाने का प्रयोग हर जगह, विभाग ने खुद की छत को खाली छोड़ा
  • सौर ऊर्जा से अभी उजाला नहीं: बिजली कंपनी के अधिकांश सबस्टेशन समेत सरकारी दफ्तरों में अब तक नहीं लगे सोलर प्लांट
  • शहर के कई ऐसे प्राइवेट भवन हैं, जहां शेड वाली छत में भी सोलर प्लांट लगाए गए हैं।
  • विज्ञापनों, होर्डिंग्स और सोशल मीडिया पर उपभोक्ताओं से अपील की जा रही है

Jabalpur News: पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी समेत विद्युत विभाग की हर कंपनी इन दिनों सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार कर रही है। विज्ञापनों, होर्डिंग्स और सोशल मीडिया पर उपभोक्ताओं से अपील की जा रही है कि वे अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवाएं।

दावा किया जा रहा है कि इससे बिजली के बिल घटेंगे और पर्यावरण को भी लाभ होगा, लेकिन जमीनी सच्चाई को देखा जाए तो तस्वीर उलट है। जो विभाग आम जनता को सोलर पैनल अपनाने की सलाह दे रहा है, उसने खुद अभी तक अपने अधिकतर कार्यालयों पर सौर ऊर्जा की कोई व्यवस्था नहीं की है।

सवाल: जनता क्यों माने

एमपीईबी के सरकारी दफ्तरों की छतें खाली पड़ी हैं। जहां आसानी से सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं, लेकिन वहां अब भी पारंपरिक बिजली से एसी, पंखे, लाइट व अन्य उपकरण चल रहे हैं। इससे न केवल विभाग के बिजली खर्च में इजाफा हो रहा है, बल्कि यह जनता के पैसों की सीधी बर्बादी भी हो रही है।

उपभोक्ताओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं

बिजली दफ्तरों में एक ओर जहां अधिकारी-कर्मचारी एयर कंडीशनर की ठंडी हवा में बैठते हैं, वो भी बिजली उपभोक्ताओं के टैक्स और बिल से आए पैसों से। वहीं दूसरी ओर बिजली से जुड़ी समस्याएं लेकर पहुंचने वाले आम उपभोक्ताओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं रहती। जनसुनवाई हो या दूसरे कार्यक्रम बिजली अधिकारी सोलर पैनल का विकल्प देकर उपभोक्ताओं को लुभाने का प्रयास करते हैं, लेकिन खुद उस विकल्प को अपनाने में पीछे हैं।

जिम्मेदारों के तर्क अजीब

सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई सोलर एनर्जी योजना के लिए उर्जा विकास निगम को अधिकृत नोडल एजेन्सी बनाया गया है। जिसके तहत उर्जा विकास निगम हर जिले में एमपीईबी के साथ सभी सरकारी दफ्तरों का निरीक्षण कर कहां कितने वाॅट का सोलर प्लांट लगेगा, इसका निरधारण तय करेगा और फिर प्रक्रिया के तहत वहां सोलर प्लांट लगाए जाएंगे।

जबलपुर में जिला प्रशासन, नगर निगम और एमपीईबी मुख्यालय शक्तिभवन समेत कई बड़े दफ्तरों में सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं। लेकिन एमपीईबी के ज्यादातर कार्यालयों में अब तक प्लांट नहीं लगाए गए। विद्युत विभाग के एक अधिकारी ने अपना दफ्तर दिखाते हुए यह तर्क दिया कि यह पुराना है और शेड की छत वाली जगह है, जहां सोलर प्लांट लगाना नामुमकिन है।

लेकिन शहर के कई ऐसे प्राइवेट भवन हैं, जहां शेड वाली छत में भी सोलर प्लांट लगाए गए हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में खुली जगहों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। कुछ अधिकारियों ने इस गलती को स्वीकार किया तो वहीं कुछ बजट की कमी का हवाला दे रहे हैं।

Created On :   17 July 2025 2:41 PM IST

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