सातारा जिला परिषद: आमरण अनशन - मानदेय की बजाय वेतन की मांग के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने रोका रास्ता

आमरण अनशन - मानदेय की बजाय वेतन की मांग के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने रोका रास्ता
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  • वेतन की मांग
  • मानदेय की बजाय वेतन की मांग

डिजिटल डेस्क, पुणे। ग्राम पंचायतों के कंप्यूटर ऑपरेटरों ने मानदेय की बजाय वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन के तहत सातारा जिला परिषद के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इसमें प्रदेश से सैकड़ों ऑपरेटर शामिल हुए हैं। मंगलवार दोपहर के समय जब इन प्रदर्शनकारियों ने अचानक सड़क अवरुद्ध कर दी तो यातायात बाधित हो गया। इसके चलते पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सातारा में कंप्यूटर ऑपरेटरों का यह आंदोलन राज्यव्यापी है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जिला परिषद के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस भूख हड़ताल में अधिक संख्या में महिला कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल होती दिखीं। प्रदर्शनकारियों ने निर्णय लिया है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, वे पीछे नहीं हटेंगे।

महाराष्ट्र राज्य ग्राम पंचायत कंप्यूटर ऑपरेटर्स एसोसिएशन की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सुनीता आमटे के नेतृत्व में आंदोलन जारी है। इसमें सैकड़ों कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हुए। इस संबंध में जारी ज्ञापन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर में अधिवेशन के दौरान मांगों पर आश्वासन देकर अनशन समाप्त कराया था। हालाँकि, इस वादे के बाद कुछ नहीं हुआ। इसके विरोध में सातारा जिला परिषद के सामने भूख हड़ताल शुरू की जा रही है। यावलकर समिति की सिफ़ारिश के अनुसार न्यूनतम वेतन संशोधित आंकड़े के साथ दिया जाए, कंपनी को कुशल श्रमिकों (22 हजार 600) का वेतन सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार दिया जाए, फर्जी उपस्थिति और चालान बनाए गए कंपनी द्वारा इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

कंपनी द्वारा अकारण निर्धारित किये गये लक्ष्य को बंद किया जाये, अब तक का अधिकार का पीएफ, भविष्य निधि को तुरंत हमारे खाते में जमा करने का आदेश दिया जाये, कंप्यूटर व प्रिंटर 2011 में दिये गये थे और खराब हैं, ये सभी नए दिए जाएं। हर महीने की एक निश्चित तारीख पर वेतन मिले, इस मांग को लेकर यह आंदोलन चल रहा है। इस बीच मंगलवार की सुबह जिला परिषद के समक्ष भूख हड़ताल शुरू हो गयी। दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद प्रदर्शनकारी सामने सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन करने लगे।

इससे कोरेगांव की ओर जाने वाला यातायात बाधित हो गया। साथ ही प्रदर्शनकारी पोवई नाका की ओर जाने वाली सड़क पर भी बैठने लगे। इसके चलते दोनों तरफ का यातायात प्रभावित हो गया। इसकी जानकारी मिलते ही शहर पुलिस धरना स्थल पर पहुंची। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा की. लेकिन, मांगें माने जाने तक वे पीछे हटने को तैयार नहीं थे। आखिरकार कार्रवाई की चेतावनी मिलते ही प्रदर्शनकारी दोबारा अनशन स्थल पर जमा हो गये। कंप्यूटर ऑपरेटरों ने साफ कर दिया है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, वे भूख हड़ताल वापस नहीं लेंगे। इसलिए कम्प्यूटर ऑपरेटर देर रात तक धरना स्थल पर ही थे।

Created On :   16 Jan 2024 4:24 PM GMT

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