सुप्रीम कोर्ट: डॉ दाभोलकर की हत्या के मामले की अदालत की निगरानी में नहीं होगी जांच

डॉ दाभोलकर की हत्या के मामले की अदालत की निगरानी में नहीं होगी जांच
  • बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा
  • अदालत की निगरानी में नहीं होगी जांच
  • डॉ दाभोलकर की हत्या का मामला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ नरेन्द्र दाभोलकर की 2013 में हुई हत्या के मामले की अदालत की निगरानी में जांच बंद करने को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी है।

आरोपी विक्रम भावे को जमानत देने के फैसले को चुनौती दी थी

इससे पहले शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने डॉ दाभोलकर की हत्या में आरोपी विक्रम भावे को जमानत देने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली मुक्ता दाभोलकर की याचिका को भी खारिज कर दिया था।

आपराधिक मामलों से संबंधित कोई भी सामग्री सीबीआई को दे सकती है दाभोलकर की बेटी

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुनवाई के दौरान हालांकि याचिकाकर्ता मुक्ता दाभोलकर (नरेंद्र दाभोलकर की बेटी) को यह स्वतंत्रता दी है कि वह आपराधिक मामलों से संबंधित कोई भी सामग्री सीबीआई को दे सकती है, जिस पर सीबीआई विचार करेगी और कानून के अनुसार आगे बढ़ेगी।

निगरानी किसी एक पक्ष की मर्जी से नहीं की जा सकती थी

पीठ ने यह देखा कि जांच की निगरानी जारी रखने से इंकार करने वाला बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश उचित था और निगरानी किसी एक पक्ष की मर्जी से नहीं की जा सकती। याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि अदालतें निगरानी और हर चीज़ के लिए नहीं है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि डॉ दाभोलकर की हत्या का मामला गंभीर है और इसके पीछे बड़ी साजिश थी जिसकी जांच की जाना जरुरी है। क्योंकि इस पूरे मामले के पीछे का मास्टरमाइंड पडदे के पीछे रह जाएगा।


Created On :   8 Jan 2024 3:36 PM GMT

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