कोर्ट-कचहरी: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत बरकरार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत बरकरार
  • प्रधानमंत्री और आरएसएस पर टिप्पणी का मामला
  • मानहानि के मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी को
  • दो याचिकाओं पर जारी हुआ था समन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से दो मानहानि के मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को राहत बरकरार है. उन पर राफेल जेट खरीद सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से आरएसएस को जोड़ने वाली टिप्पणी करने का आरोप है। दोनों मामले की सुनवाई 26 फरवरी को रखी गयी है।

न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकलपीठ के समक्ष मंगलवार को राहुल गांधी की दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। गांधी को ओर से वकील मिहिर देसाई पेश हुए। याचिकाकर्ता के खिलाफ शिकायत करने वाले भाजपा सदस्य महेश श्रीमल के वकील ने अदालत से सुनवाई के लिए समय की मांग की। अदालत ने उन्हें दोनों ही मामले में कड़ी कार्रवाई से संरक्षण देते हुए 26 फरवरी को सुनवाई रखा है। प्रधानमंत्री पर टिप्पणी मामले में भाजपा सदस्य महेश श्रीमल की एफआईआर पर गिरगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी को समन जारी कर पेश होने का निर्देश दिया था. जबकि वकील धृतमान जोशी की शिकायत पर दर्ज मामले में बोरिवली मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी राहुल गांधी के खिलाफ पेशी का समन जारी किया था।

चंदा कोचर की याचिका पर फैसला सुरक्षित

बॉम्बे हाई कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की स्थाई जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। पिछले दिनों सुनवाई के दौरान कोचर दंपत्ति के वकील ने उनकी गिरफ्तारी की अवैध बताया था।

न्यायमूर्ति लेना अनुजा प्रभुदेसाई और न्यायमूर्ति बोरकर की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को कोचर दंपति की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने दलील दी कि कोचर दंपति सीबीआई की जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे थे। इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया। पिछले साल अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी। अदालत ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को भी अवैध बताया था। ऐसे में उन्हें स्थाई रूप से जमानत दी जानी चाहिए।

सीबीआई की ओर से पेश वकील कुलदीप पाटिल ने कोचर दंपति की याचिका का विरोध किया। खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ का कर्ज दिया था. इसमें चंदा के पति दीपक कोचर की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी। चंदा कोचर पर पद का दुरुपयोग कर वीडियोकॉन ग्रुप को अधिक कर्ज दिलाने का आरोप है। कोचर के फैसले से बैंक को 1033 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। सीबीआई ने 24 दिसंबर 2022 को कोचर दंपति को गिरफ्तार किया था

Created On :   23 Jan 2024 1:59 PM GMT

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