Mumbai News: कुसुम योजना के तहत किसानों को उपलब्ध कराएंगे 75 हजार सौर कृषि पंप: अतुल सावे

कुसुम योजना के तहत किसानों को उपलब्ध कराएंगे 75 हजार सौर कृषि पंप: अतुल सावे
  • सरकार का अपारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र के विकास पर लक्ष्य
  • राज्य सरकार अब अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के विकास पर लक्ष्य केंद्रित कर रही

Mumbai News रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने और मुफ्त बिजली योजना के तहत सरकारी तिजोरी पर पड़ रहे बोझ को कम करने के लिए सरकार कदम उठाने जा रही है। इसके तहत राज्य सरकार अब अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के विकास पर लक्ष्य केंद्रित कर रही है। दैनिक भास्कर से बातचीत में अपारंपारिक ऊर्जा मंत्री अतुल सावे ने बताया कि कुसुम योजना के तहत राज्य में 75 हजार किसानों को सौर कृषि पंप उपलब्ध कराए जाएंगे।

प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं और किसानों को रियायती या मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं सरकार ने घोषित की हैं। इससे सरकारी तिजोरी पर बोझ पड़ रहा है। सालाना विभिन्न रियायती योजनाओं के तहत पंद्रह हजार करोड़ रुपए का भुगतान सरकार को करना पड़ता है। इसलिए राज्य सरकार अब अपारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मंत्री सावे ने दावा किया कि 2030 तक राज्य की 50 प्रतिशत बिजली अपारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र से आएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सौर, पवन और हाइब्रिड भंडारण के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

2026 तक 16 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य : 2026 तक पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र से 16 हजार मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है। इसके लिए फीडरों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में अब तक पांच लाख सौर कृषि पंप स्थापित किए जा चुके हैं और जल्द ही पंद्रह लाख सौर पंप स्थापित करने का लक्ष्य है। इसके तहत इस वर्ष कुसुम योजना में 75 हजार किसानों को सौर कृषि पंप वितरित किए जाएंगे। सावे ने कहा कि इससे किसानों को दिन में ही बिजली उपलब्ध हो सकेगी। जिससे किसानों पर बिजली बिल का बोझ नहीं पड़ेगा।

सौर परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण : सावे ने कहा कि सौर परियोजनाओं के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन करके भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। ट्रांसमिशन और ग्रीन कॉरिडोर के लिए योजना तैयार की जा रही है। इस संबंध में एक योजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

परिवहन सेवाओं के लिए अपारंपरिक ऊर्जा : इस बीच सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए अपारंपरिक ऊर्जा का उपयोग कैसे किया जा सकता है इस पर विचार चल रहा है। सावे ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि अपारंपरिक ऊर्जा के उपयोग से इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग हो पाए। मंत्री सावे ने यह भी दावा किया कि इससे कोयले से बिजली बनाने से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगेगी और डीजल-पेट्रोल पर खर्च होने वाली मुद्रा की भी बचत होगी।


Created On :   28 Jun 2025 7:29 PM IST

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