सदन की कार्यवाही: सीसीटीवी फुटेज का दुरुपयोग रोकने एसओपी, पुनर्विकास के नागरिकों को पासपोर्ट आवेदन में राहत, अनधिकृत स्कूलों पर दंडात्मक कार्रवाई

सीसीटीवी फुटेज का दुरुपयोग रोकने एसओपी, पुनर्विकास के नागरिकों को पासपोर्ट आवेदन में राहत, अनधिकृत स्कूलों पर दंडात्मक कार्रवाई
  • पासपोर्ट आवेदन के लिए पुनर्विकास में रहने वाले नागरिकों को मिलेगी राहत - योगेश कदम
  • मुंबई विभाग में 420 स्कूल अनधिकृत , 103 स्कूलों पर हुई दंडात्मक कार्रवाई, 47 स्कूलों को बंद किया गया - दादाजी भुसे

Mumbai News. प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को उपलब्ध नहीं होने देने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ने यह आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि शीतकालीन अधिवेशन से पहले एसओपी तैयार कर ली जाएगी। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक सतेज पाटील ने कोल्हापुर शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर सवाल पूछा था। पाटील ने कहा कि निजी प्रतिष्ठानों का सीसीटीवी कैमरे का कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होता है। इसलिए इसके दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए। एक सवाल के जवाब में भोयर ने कहा कि राज्य में लगे सीसीटीवी कैमरे के मरम्मत के लिए जिला योजना व विकास समिति (डीपीडीसी) से निधि उपलब्ध कराई जाएगी। इस बीच भोयर ने बताया कि कोल्हापुर मनपा की ओर से शहर में 65 जगहों पर 164 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

पासपोर्ट आवेदन के लिए पुनर्विकास में रहने वाले नागरिकों को मिलेगी राहत - योगेश कदम

महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री (शहर) योगेश कदम ने बुधवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान कहा कि जिन नागरिकों की इमारतें पुनर्विकास के लिए गई हैं और जो लोग अस्थायी रूप से किराये के मकानों में रह रहे हैं, उनके पासपोर्ट सत्यापन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी। भाजपा विधायक मनीषा चौधरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुंबई की कई हाउसिंग सोसायटी पुनर्विकास की प्रक्रिया में हैं। वहां रहने वाले लोगों को पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी बैंक खाता, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, या पुनर्विकास संबंधी दस्तावेजों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जिस पर जवाब देते हुए मंत्री योगेश कदम ने कहा कि पासपोर्ट सत्यापन एक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और इसके लिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पहले से मौजूद है। जिसका आकलन किया जाएगा। मंत्री कदम ने कहा कि पासपोर्ट आवेदन में स्थायी और वर्तमान दोनों पते दर्ज करने का विकल्प होता है। पुलिस द्वारा सत्यापन केवल वर्तमान पते पर ही किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को एसओपी के पालन में कठिनाई आ रही है, तो सरकार इसकी जांच कर कार्रवाई करेगी। विधायक अमित साटम ने आपत्ति जताई कि आवेदन पत्र में दोनों पते की जानकारी देने का विकल्प शायद स्पष्ट नहीं है। इस पर मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वह पुलिस विभाग को इस बारे में स्पष्ट निर्देश देंगे। कदम ने कहा कि पुनर्विकास के दौरान डेवलपर द्वारा दिए गए अस्थायी निवास की जानकारी भी मान्य होगी। सरकार अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल पासपोर्ट ऐप्स जैसी तकनीकों को भी प्रक्रिया में शामिल कर रही है ताकि प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाई जा सके

मुंबई विभाग में 420 स्कूल अनधिकृत , 103 स्कूलों पर हुई दंडात्मक कार्रवाई, 47 स्कूलों को बंद किया गया - दादाजी भुसे

उधर मुंबई विभाग में कुल 420 अनधिकृत स्कूल हैं। जिनमें से 103 स्कूलों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है, जबकि 126 स्कूलों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही 47 स्कूलों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। जबकि बाकी के खिलाफ जांच की प्रक्रिया चल रही है। विधानसभा में शिवसेना (उद्धव) विधायक भास्कर जाधव के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने यह लिखित जानकारी दी है। भुसे ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका के क्षेत्र में निजी और बगैर अनुदान के कुल 1057 स्कूल हैं। इसमें से 218 स्कूलों ने पुनर्मान्यता नहीं ली है। सरकार अनधिकृत स्कूलों को लेकर गंभीर है। विधायक भास्कर जाधव ने राज्य में अनधिकृत रूप से चल रहे स्कूलों पर कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा था, जिसके लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा कि सरकार समय-समय पर अनधिकृत स्कूलों पर कार्रवाई करती रहती है। सरकार की जांच में जिन अनधिकृत स्कूलों के नाम सामने आए हैं, उन पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसकी दृष्टि से भी काम किया जा रहा है। स्कूलों में फीस बढ़ाने, बच्चों की यूनिफॉर्म, किताबें और स्कूल सामग्री किसी खास दुकान से खरीदने को लेकर भी मामला सदन में भाजपा विधायक योगेश सागर ने उठाया। सागर ने कहा कि राज्य के स्कूलों में बगैर अभिभावकों की सहमति के स्कूलों में प्रत्येक 2 साल में 15 फीसदी फीस बढ़ाने का प्रावधान है। लेकिन कुछ स्कूल मनमर्जी करके 20 से 25 प्रतिशत तक फीस बढ़ा देते हैं। लेकिन सरकार इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। इस मंत्री भुसे ने कहा कि सरकार की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रत्येक 2 वर्ष में ही अधिकतम 15 प्रतिशत तक फीस स्कूल बढ़ा सकते हैं। अगर इस स्थिति में स्कूल आदेश का पालन नहीं करते हैं तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही महाराष्ट्र के कई स्कूलों द्वारा छात्रों को यूनिफॉर्म, कॉपी, किताबें और स्कूल सामग्री एक ही दुकान विक्रेता से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। जल्द ही राज्य सरकार विद्यालय सामग्री की खरीद को लेकर एक नियमावली तैयार करेगी। भुसे ने कहा कि छात्रों और अभिभावकों को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपने अनुसार किसी भी स्थान से की स्कूल सामग्री खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की जानकारी सामने आती है तो फिर उस स्कूल के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Created On :   16 July 2025 9:12 PM IST

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