हादसा: अमोनिया गैस सिलेंडर में विस्फोट, आइस फैक्ट्री के एक मजदूर की दर्दनाक मौत

अमोनिया गैस सिलेंडर में विस्फोट, आइस फैक्ट्री के एक मजदूर की दर्दनाक मौत
  • 2 की हालत नाजुक
  • एहतियातन 200 मीटर की परिधि में घरों को खाली कराया
  • अमोनिया गैस सिलेंडर में विस्फोट हुआ

डिजिटल डेस्क, नागपुर. कामठी रोड उप्पलवाड़ी स्थित स्मॉल फैक्ट्री एरिया में भीषण हादसा हो गया। शनिवार की शाम को आइस फैक्ट्री में अमोनिया गैस के सिलेंडर में धमाका होने से तीन मजदूर घायल हो गए। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने एक मजदूर की मौत की पुष्टि की। मृतक का नाम डुगर सिंह (50) बताया गया है। पुलिस ने एहतियातन 200 मीटर की परिधि में आने वाले घरों को खाली कराया। अफरा-तफरी व तनाव का माहौल रहा। पता चलते ही पुलिस व दमकल विभाग के आला अधिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे।

लीकेज होने से जोरदार

शनिवार की शाम करीब साढ़े पांच से छह बजे के दौरान कामठी रोड उप्पलवाड़ी स्थिम स्मॉल फैक्ट्री एरिया के बालाजी आइस फैक्ट्री में अमोनिया गैस के सिलेंडर में लीकेज होने से जोरदार विस्फोट हुआ। वहां पर काम कर रहे मजदूर गुमान सिंह (45), डुगर सिंह (50) मूलत: राजस्थान वर्तमान में फैक्ट्री परिसर में निवासरत, श्रावण बगेले (38) और बगल के चिवड़ा बनाने वाली फैक्ट्री का मजदूर अजय कुमार घायल हो गए। उन्हें मेयो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों ने डुगर सिंह (50) की मौत की पुष्टि की।

शक्तिशाली था धमाका, बॉयलर के परखच्चे उडे़

विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि फैक्ट्री के सामने बर्फ ले जाने के लिए खड़े मिनी वाहन (क्र.एमएच 32 एजे 0101) और (एमएच 40 एआर 0398) दूर फेंका गए। दोनों वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। फैक्ट्री में रखे कूलर, बॉयलर व अन्य सामग्री के भी परखच्चे उड़ गए हैं। यहां तक कि दीवारे भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कुछ मलबा फैक्ट्री के बाहर सड़क पर पड़ा हुआ था। पता चलते ही सुगत नगर दमकल केंद्र के सुनील डोकरे, दमकल अधिकारी चंद्रशेखर रणदीवे, एनएमआरडीए के खरडमल और पुलिस टीम दल-बल के साथ मौके पर पहुंची। हादसे से कुछ समय के लिए अफरा-तफरी व तनाव का माहौल बना रहा।

1 हजार लीटर की क्षमता वाला था सिलेंडर

जिस अमोनिया गैस के सिलेंडर में विस्फोट हुआ वह 1 हजार लीटर की क्षमता वाला था। लीकेज के बाद भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। आरोप है कि सुरक्षा में लापरवाही बरतने के कारण यह हादसा हुआ।

विशेष किट पहनकर बचाव कार्य

बचाव कार्य में जुटी टिम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। परिसर में सांस लेना मुश्किल हो रहा था। बचाव दल ने विशेष किट पहनकर बचाव कार्य शुरू किया।

आस-पास रहने वाले मजदूर भी परेशान

स्मॉल फैक्ट्री एरिया होने से परिसर में घनी आबादी नहीं है। फैक्ट्री के आस-पास रहने वाले अन्य मजदूर अन्यत्र चले गए, लेकिन कड़कड़ाती ठंड में उनके ठहरने व सोने की व्यवस्था नहीं की गई थी। कुछ मजदूर सड़क किनारे फुटपाथ पर सोने को मजबूर हुए।

बर्फ की मांग कम होने से कम मजदूर थे

हादसे के दौरान फैक्ट्री में तीन ही मजदूर थे। दरअसल शीत का मौसम होने से बर्फ की मांग कम होने के कारण मजदूरों की संख्या भी कम थी। ग्रीष्मकाल में बर्फ की मांग बढ़ने से मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाती है।

जानें इसे...क्यों खतरनाक है अमोनिया गैस

अमोनिया एक तीखी गंध वाली रंगहीन और हल्की गैस होती है। अमोनिया का सबसे ज्यादा उपयोग रासायनिक खादों के निर्माण के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल बर्फ बनाने के कारखाने में ठंडा करने वाले पदार्थ के रूप में भी किया जाता है। सामान्य तौर पर अमोनिया नुकसानदायक नहीं होती है, लेकिन ज्यादा मात्रा में अमोनिया सूंघ ली जाए तो जान तक जा सकती है। हवा में अमोनिया की मात्रा बढ़ने पर घुटन का एहसास होने लगता है। इसकी ज्यादा मात्रा होना गले, नाक और सांस की नली में जलने का कारण बन जाती है। लगातार इसके संपर्क में रहने पर त्वचा में जलन, आंख में स्थायी क्षति या अंधापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

अमोनिया रिसाव होने पर सावधानियां

मात्रा अधिक होने पर यह जहरीली गैस की तरह नतीजे दिखाती है। चूंकि अमोनिया पानी के साथ जल्दी क्रिया करती है, इसीलिए यह सलाह दी जाती है कि इसके संपर्क में आने पर आंख और चेहरे को काफी मात्रा में पानी से धोना चाहिए। यह पानी में तेजी से घुलने वाला पदार्थ है, इसलिए पानी से चेहरा धोने पर यह घुलकर शरीर से अलग हो जाती है और प्रतिक्रिया कम हो जाती है।

Created On :   7 Jan 2024 10:01 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story