व्यवस्था: ओपीडी का विस्तार, मेयो में एक ही छत के नीचे पंजीयन, मिलेगा टोकर, सुधरेगी व्यवस्था

ओपीडी का विस्तार, मेयो में एक ही छत के नीचे पंजीयन, मिलेगा टोकर, सुधरेगी व्यवस्था
  • एक ही जगह रजिस्ट्रेशन कर व्यवस्था सुधारने का प्रयास
  • मरीजों को नहीं भागना पड़ेगा इधर-उधर
  • सरकारी योजना का भी मिल सकेगा उचित लाभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) में दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग पंजीयन होता है। इस कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसलिए मेयो प्रशासन ने ओपीडी के विस्तार का निर्णय लिया है। जल्द ही नई इमारत के इमर्जेंसी प्रवेश द्वार से सटकर बाह्यरुग्ण विभाग शुरू किया जाएगा। यहां पंजीयन से लेकर जिस वार्ड में जांच के लिए जाना है, उसकी जानकारी भी मरीजों को दी जाएगी। इसके अलावा महात्मा फुले जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री जनस्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का पंजीयन भी यहीं पर किया जाएगा। कुल मिलाकर एक ही छत के नीचे पंजीयन की सारी व्यवस्था उपलब्ध होगी। अधिक भीड़ होने की स्थिति में मरीजों को पंजीयन से पूर्व समय टोकन दिया जाएगा, ताकि सभी अपना नंबर आने पर पंजीयन करा सकेंगे।

मरीजों की परेशानी होगी कम : मेयो का वर्तमान ओपीडी पंजीयन विभाग मुख्य इमारत में है। वहां बड़े प्रमाण में भीड़ होती है। इसके अलावा यहां के कुछ विभागों के पंजीयन कक्ष अलग-अलग हैं। इस कारण मरीजों को काफी परेशान होना पड़ता है। मेयो प्रशासन ने मरीजों की परेशानी कम करने के लिए सभी पंजीयन एक ही छत के नीचे करने के लिए पंजीयन शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे वहां की भीड़ भी कम होगी। मरीज के प्रवेश करते ही वहां उसकी बीमारी के लक्षण के आधार पर संबंधित वार्ड में भेजा जाएगा। सूत्रों के अनुसार पंजीयन के लिए 9 खिड़कियां शुरू की जाएंगी।

सोमवार को सुनवाई की संभावना निलंबन के विरोध में , डॉ. चौधरी पहुंचे हाई कोर्ट : राज्यपाल रमेश बैस ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी को पद से निलंबित किया। राज्यपाल के इस फैसले के विरोध में डॉ. चौधरी ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस मामले में सोमवार 4 मार्च को सुनवाई होने की संभावना है। डॉ. चौधरी के खिलाफ मिली शिकायतों पर राज्यपाल ने डॉ. चौधरी को अपना पक्ष रखने के लिए 21 फरवरी को बुलाया था, लेकिन डॉ. चौधरी के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर राज्यपाल ने निलंबन की कार्रवाई की।

गोंडवाना विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. प्रशांत बोकारे को राज्यपाल ने डॉ. सुभाष चौधरी के स्थान पर प्रभारी कुलगुरु पद पर नियुक्त किया है। डाॅ. चौधरी के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए नियुक्त उच्च तकनीकी शिक्षा के उप सचिव अजीत बाविस्कर की समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल रमेश बैस को सौंपी थी। समिति की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कुलगुरु डॉ. चाैधरी ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है और एमकेसीएल को लेकर सरकार के आदेशों की अनदेखा किया गया।

Created On :   2 March 2024 12:11 PM GMT

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