मनपा पिछडी़: ये कहां आ गए हम.,स्वच्छता सर्वेक्षण में नागपुर 86वें स्थान पर जा फिसला

ये कहां आ गए हम.,स्वच्छता सर्वेक्षण में नागपुर 86वें स्थान पर जा फिसला
  • 446 शहरों का एसबीएम का ब्योरा घोषित
  • 9500 अंकों में 6163.80 अंक ही हासिल
  • 64.88 फीसदी ही स्कोर मनपा को मिला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण में देश भर के 446 शहरों में नागपुर महानगरपालिका को 86वां स्थान मिला है। मनपा को सर्वेक्षण के 9500 अंकों में 6163.80 अंकों के साथ 64.88 फीसदी ही स्कोर मिला है। हालांकि सीवेज को ट्रीटमेंट कर आमदनी पाने को लेकर शहर को पहली मर्तबा वाटर प्लस सिटी का दर्जा मिलने का सौभाग्य मिला है। वहीं, दूसरी ओर कचरा व्यवस्थापन को लेकर प्रदर्शन नहीं हो पाने से मिलियन प्लस सिटी के दर्जे से चूक जाना पड़ा है। कचरा व्यवस्थापन के 1375 अंक मिलने पर मनपा को स्वच्छ 10 शहरों की श्रेणी में स्थान मिल सकता था। मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी और घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष के उपायुक्त डॉ. गजेन्द्र महल्ले ने अगले साल के सर्वेक्षण के लिए कचरा व्यवस्थापन को प्राथमिकता से पूरा करने को लेकर प्रयास करने का अाश्वासन दिया है। स्वच्छ शहरों की प्रथम 10 की सूची में पुणे मनपा ने 10वां स्थान प्राप्त किया है।

सर्वेक्षण इस प्रकार : स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान 9500 अंकों में तीन स्तर पर शहर की स्वच्छता, बुनियादी सुविधा और कचरा व्यवस्थापन को लेकर मूल्यांकन किया गया। पहले श्रेणी में 51 फीसदी 4830 अंकों में सर्विस लेवल प्रोग्रेस में मनपा को 3260.66 अंक मिले हैं। इस श्रेणी में खुले में शौचमुक्त के 1125 अंक पूरे मिले हैं, जबकि कचरा मुक्त शहर के लिए 1375 अंक नहीं मिल पाए हैं। दूसरी श्रेणी में सिटीजन वाइस यानी मनपा की सेवाओं और शिकायतों के निराकरण को ऑनलाइन समाधान करने समेत योजनाओं के प्रसार के लिए 2170 अंकों में से मनपा को 1778.14 अंक मिले हैं। वहीं तीसरी श्रेणी में प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) में 2500 में से 1125 अंक मिले हैं।

कचरामुक्त मामले में 1375 अंक से चूके : इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण में महानगरपालिका प्रशासन को कचरा मुक्त शहर के रूप में मान्यता मिलने की उम्मीद थी, लेकिन दस्तावेजों के अपलोड करने और प्रत्यक्ष सर्वेक्षण के बीच खासा अंतराल होने से उम्मीद पर पानी पड़ गया। पिछले कई सालों से हंजर बायोटेक के छोड़ कर जाने के बाद भांडेवाड़ी में 200 मीट्रिक टन गीले कचरे से जैविक खाद मनपा प्रशासन बना रहा है, जबकि 350 मीट्रिक टन सूखे कचरे को विलगीकरण कर जिग्मा कंपनी के माध्यम से रिफ्यूज्ड डिराइवड फ्यूल बनाया जा रहा है। प्रतिदिन करीब 550 मीट्रिक टन कचरे का व्यवस्थापन होने का दावा प्रशासन का है। सितंबर माह में एसबीएम में दस्तावेजों के प्रस्तुतिकरण में फोटो के साथ ऑनलाइन जानकारी भी पोर्टल पर अपलोड की गई, लेकिन नवंबर माह में सुसबिडी को भांडेवाड़ी की जमीन हस्तांतरण के दौरान दोनों प्लांट को हटाना पड़ा। इस बीच ही एसबीएम की टीम ने प्रत्यक्ष दौरा कर दस्तावेजों के अनुरूप कचरा व्यवस्थापन को नहीं पाया। यही वजह है कि कचरा मुक्त शहर के 1375 अंकों से मनपा को निराशा हाथ लगी है।

कचरा व्यवस्थापन के लिए अब पुरजोर प्रयास : पिछले साल के अनुपात में इस मर्तबा भी महानगरपालिका अपना स्तर बनाते हुए मिलियन प्लस सिटी के रूप में 27 वे स्थान पर है। सीवेज ट्रीटमेंट कर बिक्री करने को पहली मर्तबा प्रोत्साहन देते हुए वाटरप्लस सिटी का दर्जा मिला है। भांडेवाड़ी में सुसबिडी को जगह आवंटन के चलते कचरा व्यवस्थापन को एसबीएम टीम के सामने नहीं दिखा पाएं। हालांकि कुल मिलाकर हमारे प्रयासों में अब भी कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन अब प्राथमिकता से कचरा व्यवस्थापन पर ध्यान केन्द्रित कर बेहतरीन स्थान पाने का प्रयास करेंगे। डॉ. अभिजीत चौधरी, आयुक्त, महानगरपालिका

तकनीकी तौर पर दर्जा बरकरार, परिणाम संतोषजनक : पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी के 45 शहरों में मनपा को 27 वां स्थान मिला था। साल 2022 में 7500 में से 4171.92 अंकों को मनपा ने प्राप्त किया था, इतना ही नहीं देश के दक्षिणी हिस्से के एक लाख आबादी वाले शिमोगा शहर ने 4178 अंक पाए थे। इस मर्तबा सर्वेक्षण में 1 से 10 लाख की आबादी के 446 शहरों में मूल्यांकन किया गया है। तकनीकी तौर पर मानें तो 1 से 10 लाख आबादी वाले शहरों के सर्वेक्षण की तुलना में 127 से 86 वें स्थान तक पहुंचते हुए 38 फीसदी की बुलंदी हासिल की है। इतना ही नहीं, पिछले साल की सूची के तीन शहरों शहर मेरठ, वसई विरार और जयपुर हेरिटेज को पछाड़ते हुए अपना स्थान बनाए रखा है। इस मर्तबा स्वच्छता को लेकर जनता में नजरिया बदला है, इसके साथ ही मनपा ने भी बुनियादी सुविधाओं, कचरा संकलन और विलगीकरण, व्यवस्थापन को बढ़ाने का प्रयास आरंभ कर दिया है। ऐसे में अगले साल निश्चित रूप से टाप टेन स्वच्छ शहर में शामिल होने की उम्मीद है। -कौस्तुभ चटर्जी, ब्रांड एम्बेसेडर, स्वच्छ भारत मिशन, मनपा

Created On :   12 Jan 2024 6:12 AM GMT

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