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Nagpur News: आसमान में बिखरी रोशनी की अनोखी परछाईं, चमकदार घेरे में सूर्य...

- खगोलीय घटना ने किया आश्चर्यचकित ं
- 22 मिनट दिखा 22 डिग्री के कोण का कमाल
Nagpur News शहर ने एक दुर्लभ और आकर्षक खगोलीय घटना का अनुभव किया| इसने लोगों को हैरानी और उत्सुकता से भर दिया। दिन के उजाले में सूरज के चारों ओर बना चमकदार घेरा "सोलर हेलो' ने न सिर्फ वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा, बल्कि आम नागरिकों को भी आसमान की ओर देखने को मजबूर कर दिया। यह दृश्य कुछ ही मिनटों तक रहा, लेकिन इसकी छाप लोगों के मन में देर तक बनी रही। क्या है इस घटना का विज्ञान, इस संबंध में शहर के रमन साइंस सेंटर के प्लैनेटोरियम के टेक्निकल ऑफिसर महेंद्र वाघ ने जानकारी दी।
विज्ञान की नजर से रहस्य : टेक्निकल ऑफिसर महेंद्र वाघ के अनुसार, सोलर हेलो तब बनता है, जब ऊपरी वायुमंडल में मौजूद सिरे क्लाउड्स सूर्य की किरणों के संपर्क में आते हैं। इन बादलों में बर्फ के क्रिस्टल होते हैं, जो प्रकाश को मोड़ते हैं और सूरज के चारों ओर इंद्रधनुष जैसे रंगों वाला घेरा बनाते हैं। इसे "हेलो' भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूरज से 22 डिग्री के कोण पर बनता है। उनका कहना है कि यह खगोलीय नजारा दोपहर 12 बजे शुरू हुआ नागपुर वासियों ने लगभग 22 मिनट तक इसका आनंद उठाया। यह शहर के ऊपर मौजूद ऊंचे स्तर के बादलों और गर्मी में नमी के कारण संभव हो पाया।
मौसम का संकेत : डॉ. रिजवान अहमद, निदेशक, एयरोड्रोम मौसम विज्ञान कार्यालय, नागपुर के अनुसार, यह घटना वायुमंडल में मौजूद सिरोस्ट्रेटस बादलों में स्थित बर्फ के षट्कोणीय क्रिस्टलों के कारण होती है। इस तरह की घटनाएं ऊपरी वायुमंडलीय संरचना और तापमान के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देती हैं। साथ ही यह संभावना भी रहती है कि ऐसा हेलो आसन्न मौसम परिवर्तन जैसे वर्षा या तूफान का संकेत हो सकता है। इस घटना ने न केवल आम नागरिकों में उत्सुकता पैदा की, बल्कि खगोल और मौसम वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का एक रोचक विषय प्रस्तुत किया है।
सोशल मीडिया पर छाया ‘#SunHaloNagpur’ : इस दृश्य को देखकर नागपुरवासियों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो जमकर शेयर किए, जिससे #SunHaloNagpur ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगा। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया कि यह एक सामान्य और वैज्ञानिक रूप से समझाई जा सकने वाली घटना है। इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। फिर भी, कुछ ग्रामीण इलाकों में इसे परंपरागत मान्यताओं के साथ जोड़ते हुए शुभ-अशुभ संकेत माना गया। पुराने समय में ऐसी घटनाओं को मौसम का पूर्वानुमान लगाने में उपयोग किया जाता था, क्योंकि ये संकेत देते हैं कि अगले 24 घंटों में बारिश की संभावना हो सकती है।
Created On :   22 May 2025 12:29 PM IST