Nagpur News: स्टेट हाईवे की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कोर्ट में चुनौती

स्टेट हाईवे की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कोर्ट में चुनौती
  • हाई कोर्ट : निर्माण पर यथास्थिति के आदेश
  • 11 जून तक जवाब दायर करने के आदेश

Nagpur News भंडारा जिले के लाखनी तहसील के गुरधा गांव में स्टेट हाईवे के किनारे सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण और निर्माण के खिलाफ सुनीता शिवंकर ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस मामले में कोर्ट ने भंडारा जिलाधिकारी सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 11 जून तक जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं। चूंकि अतिक्रमण स्टेट हाईवे की बिल्डिंग लाइन और कंट्रोल लाइन के भीतर है, इसलिए कोर्ट ने अगली तारीख तक निर्माण पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए। साथ ही कोर्ट ने लाखनी पंचायत समिति के गट विकास अधिकारी और गुरधा ग्राम पंचायत के सचिव को निर्देश दिए है कि, वह प्रतिवादी किशोर नारायण मेश्राम को अगले आदेश तक घरकुल योजना के लिए निधि प्रदान न करें।

शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई : इस याचिका पर अवकाशकालीन एकल खंडपीठ के न्यायमूर्ति वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया है कि किशोर नारायण मेश्राम ने स्टेट हाईवे नंबर 361 के पास सर्वे नंबर 16 की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है और वहां अस्थायी और स्थायी निर्माण कराया है। यह जमीन हाईवे के बिल्डिंग लाइन और कंट्रोल लाइन के दायरे में आती है, जहां निर्माण निषिद्ध है। याचिकाकर्ता, जो पास की सर्वे नंबर 13 की सह-मालिक हैं, ने आरोप लगाया कि यह अतिक्रमण उनकी जमीन तक पहुंच को बाधित कर रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान और परेशानी हो रही है।

याचिका में कहा गया कि मेश्राम ने न केवल सरकारी जमीन पर कब्जा किया, बल्कि ग्राम पंचायत और पंचायत समिति की मिलीभगत से घरकुल योजना के तहत निधि मंजूर की। याचिकाकर्ता ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए याचिकाकर्ता ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर करते हुए मांग की है कि कोर्ट अतिक्रमण हटाने, अवैध निर्माण रोकने और घरकुल योजना के तहत दी गई स्वीकृति रद्द करने का आदेश दे। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अनिश कठाने ने पैरवी की।

Created On :   21 May 2025 2:39 PM IST

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