Nagpur News: अंगरेजों की जड़ें हिलाने के लिए बेचैन हो उठा नागपुर

अंगरेजों की जड़ें हिलाने के लिए बेचैन हो उठा नागपुर
  • अलग-अलग संगठनों ने की थी लोहा लेने की तैयारी
  • नागपुर में अनेक संगठनों ने जन्म लिया था

Nagpur News आजादी के आंदाेलन के दौरान नागपुर नगरी अंगरेजों की जड़ें हिलाने को बेचैन हो उठी थी। उस दौर में नागपुर में अनेक संगठनों ने जन्म लिया था। लक्ष्य केवल अंगरेजों से आजादी पाना था। 1930 से 1947 तक यहां के संगठनों ने आजादी के इतिहास में कई स्वर्ण अध्याय लिखे।

हिंदुस्तानी लाल सेना : हिंदुस्तानी लाल सेना की स्थापना 13 अप्रैल 1939 को मगनलाल बागड़ी, श्यामनारायण कश्मीरी और दांडेकर ने सहयोगियों के साथ की थी। यह एक गुरिल्ला समूह था। इसका गठन नागपुर में जालियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर किया था। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हिंदुस्तानी लाल सेना ने महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के नारे को अपनाया। क्रांतिकारी कृष्णराव काकडे, शंकर महाले आदि शहीद हुए।

अखिल हिंदू फॉरवर्ड ब्लॉक : 1939 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अखिल हिंदू फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। 18 जून 1940 को पार्टी का दूसरा अधिवेशन सुभाषबाबू की उपस्थिति में नागपुर में हुआ। फॉरवर्ड ब्लॉक नागपुर शाखा ने रामभाऊ रुईकर के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।1942 के आंदोलन में रुईकर को गिरफ्तार किया गया। तीन साल जेल रहने के बाद 1945 में रुईकर फिर सक्रिय हुए। 1946 में अंगरेजों की मनमानी के खिलाफ मिल कामगारों की हड़ताल का नेतृत्व रुईकर ने ही किया। 24 फरवरी से 23 मार्च 1947 तक अंगरेजों की नीति के खिलाफ चले शिक्षक आंदोलन का नेतृत्व भी रुईकर ने किया था।

शिवसमर्थ सेवा मंडल : 1904 से 1906 के बीच डॉ. भवानी शंकर नियोगी और डॉ. गोपालराव देशमुख ने शिवसमर्थ सेवा मंडल की स्थापना की। इस मंडल में जयकृष्णपंथ, उपाध्ये, डॉ. पांडुरंग खानखोजे, रामलाल वाजपेयी व अप्पासाहेब हल्दे शामिल थे। शारीरिक मजबूती के लिए सभी लोग शिवराम गुरु के अखाड़े में जाते थे। मंडल की गुप्त बैठकें महल के वाईकर बाड़े में हुआ करती थी। कुछ समय बाद पांडुरंग खानखोजे व रामलाल बाजपेयी ने दूसरा मंडल तैयार किया। मंडल की गुप्त बैठकों का स्थान मोहिते बाड़े का तलघर था। यह मंडल कोलकाता के सशस्त्र क्रांतिकारक संगठनों से संपर्क था। इसके बाद कृष्णराव मराठे ने नाशिक की अभिनव भारत नामक संगठन की शाखा प्रारंभ की। इसमें वासुदेव फडणवीस, राजाभाऊ डांगरे, वामनराव घोरपड़े, बाबुराव हरकरे, रा. वि. काली, बालासाहेब नाफडे और गोपालराव हुद्दार शामिल थे।

कम्युनिस्ट पार्टी : 1933 में नागपुर में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई। कॉमरेड जयवंत, कॉ. पी.डी. मराठे, कॉ. एस.वाय. कुलकर्णी, कॉ. मोटे ने इस पार्टी का काम शुरू किया। कामगार वर्ग से एस. चौथमल, मारोती मेश्राम आदि पार्टी से जुड़े। 1932 से 1937 तक पार्टी ने कामगारों के हितार्थ काम किया। सी. पी. एंड बेरार प्रांत के मिल कामगारों को संगठित कर उन्हें अंगरेजों के खिलाफ अपने अधिकार के लिए लड़ना सिखाया।

शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन : 18 व 19 जुलाई 1942 को सीपी एंड बेरार प्रांत के प्रतिनिधियों की परिषद शहर के माउंट होटल में हुई थी। इस परिषद के स्वागताध्यक्ष जी. टी. मेश्राम थे। परिषद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने मार्गदर्शन किया था। ऑल इंडिया शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन की स्थापना की गई। स्थापना के बाद अंगरेज सरकार के खिलाफ अस्पृश्य आंदोलन का बिगुल फूंका गया था। 1946 में सरकार से अपने अधिकार व न्याय की मांग की गई। इसके लिए विधानभवन के सामने विशाल सत्याग्रह किया गया। तत्कालीन मध्यप्रांत सरकार के आश्वासन के बाद सत्याग्रह खत्म हुआ था।

अखिल भारतीय हिंदू महासभा : अखिल भारतीय हिंदू महासभा की स्थापना 1915 में हुई थी। नागपुर में इस संगठन का विस्तार 11 नवंबर 1923 को हुआ। नागपुर शाखा में सरदार गुजर, राजे लक्ष्मणराव भोसले, काडीकर, डॉ. परांजपे, विश्वनाथ केलकर आदि हिंदू महासभा में सक्रियता से कार्यरत थे। 1938 को नागपुर में हिंदू महासभा का अधिवेशन हुआ था। उस समय स्वातंत्र्यवीर सावरकर का सत्कार कर जुलूस निकाला गया था। सावरकर के नेतृत्व में निजाम के खिलाफ सत्याग्रह किया गया था, इसका प्रमुख केंद्र नागपुर था। इस सत्याग्रह में आचार्य नरेंद्र देव, भैयाजी दाणी, तात्या पहलवान, हरिकिशन वर्मा आदि ने प्रमुखता से हिस्सा लिया था। उस समय हिंदू महासभा ‘सावधान’ नामक अखबार के माध्यम से लोगों को जागरुक कर रहे थे। मावकर व पु. भा. भावे इस अखबार में लेखन करते थे। बाद में इस अखबार पर रोक लगा दी गई।

समाजवादी पार्टी : 1920 से 1934 तक ट्रेड यूनियन, कम्यूनिस्ट पार्टी, इंडिपेंडेन्स ऑफ इंडिया लीग आदि के माध्यम से समाजवादी विचारधारा का प्रचार कार्य शुरू था। इसे संगठन का स्वरूप देने का पहला प्रयास 1934 में किया गया। उस समय जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव आदि नेताओं के मार्गदर्शन में समाजवादी वर्ग तैयार हुआ। इस वर्ग ने कांग्रेस की विचारधारा को समाजवादी मोड़ देने का प्रयास किया। इसकी शाखा नागपुर में रामभाऊ रुईकर, पी. वाई. देशपांडे, डॉ. काशीकर ने शुरू की, लेकिन यह शाखा 1936 सक्रिय नहीं हो पायी थी। इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य हरिहरनाथ शास्त्री व एम. आर. मसानी नागपुर आये। उन्होंने शाखा को सक्रिय किया। आचार्य दांडेकर ने समाजवादी पार्टी का सदस्यत्व लिया। वे सी. पी. एंड बेरार प्रांत शाखा के महासचिव बने। इस शाखा में मगनलाल बागड़ी व बी. एम. मुखर्जी अन्य प्रमुख सदस्य बने।


Created On :   7 Aug 2025 12:43 PM IST

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