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Nagpur News: फडणवीस - एकीकृत घनकचरा प्रकल्प नवंबर तक पूरा करें, भांडेवाड़ी प्रकल्प का निरीक्षण

- भांडेवाड़ी घनकचरा प्रक्रिया प्रकल्प का निरीक्षण
- पर्यावरण संवर्धन और साक्षरता के लिए बायोडाइवर्सिटी पार्क आवश्यक : सीएम
- पर्यावरण संवर्धन और साक्षरता के लिए बायोडाइवर्सिटी पार्क आवश्यक : सीएम
Nagpur News. शहर के भांडेवाड़ी में घनकचरा प्रक्रिया करने वाले एकीकृत घनकचरा प्रक्रिया प्रकल्प को नवंबर माह तक पूरा करने का निर्देश मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिया है। शनिवार को 9 एकड़ क्षेत्र में ताजा कचरा प्रसंस्करण क्षेत्र का निरीक्षण कर कंपनी और मनपा के अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक कृष्णा खोपड़े, विधायक प्रवीण दटके, मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी, अतिरिक्त आयुक्त वसुमना पंत, अधीक्षक अभियंता डॉ. श्वेता बैनर्जी, उपायुक्त राजेश भगत, कार्यकारी अभियंता राजेश दुफारे, स्वच्छता व्यवस्थापन विभाग के प्रमुख डॉ. गजेंद्र महल्ले, सहायक आयुक्त सोनम देशमुख, सुसबिडी की वृंदा ठाकुर, प्रकल्प संचालक संजय गदरे, वित्तीय संचालक विनोद टंडन, नागपुर प्रकल्प प्रमुख नितीन पटवर्धन, सलाहकार राजेंद्र जगताप पूर्व नगरसेवक नरेंद्र (बाल्या) बोरकर और दीपक वाडीभस्मे उपस्थित थे।
30 एकड़ जगह पर होगा निर्माणकार्य
मनपा आयुक्त ने मुख्यमंत्री को प्रकल्प की जानकारी दी। कंपनी से 30 एकड़ जगह पर निर्माणकार्य होगा। मनपा से भांडेवाड़ी में 1000 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का घनकचरा प्रक्रिया केंद्र डिजाइन, फाइनान्स, निर्माण, मालिकाना, इस्तेमाल और हस्तांतरण (डीएफबीओओटी) आधारित नीदरलैंड की सस्टेनेबल बिजनेस डेवलपमेंट (सुसबिडी) कंपनी से अनुबंध हुआ है। इसमें कचरा आधारित प्रक्रिया कर बायोगैस, जैविक खाद, आरडीएफ के बाय-प्रोडक्ट तैयार को बिक्री करने का अधिकार सुसबिडी को दिया गया है।
जून से 800 मीट्रिक टन व्यवस्थापन का आश्वासन सुसबिडी कंपनी से प्रायोगिक तौर पर प्रतिदिन 300 मीट्रिक टन कचरा व्यवस्थापन का दावा हो रहा है। करीब 24 घंटे की तीन शिफ्ट में 300 मीट्रिक टन कचरे के व्यवस्थापन को लेकर मनपा आयुक्त ने भी नाराजगी जताई है। सुसबिडी कंपनी से जून तक समयावधि मांगी गई है। जून में 500 मीट्रिक अतिरिक्त कचरे समेत कुल 800 मीट्रिक टन का व्यवस्थापन करने का आश्वासन दिया है।
जगह का किया गया आवंटन : भांडेवाड़ी डंपिग यार्ड परिसर में सुसबिडी कंपनी को प्लांट बनाने जगह का आवंटन किया गया है। इस जगह पर प्लांट को स्थापित करने के लिए पिछले साल नवंबर तक समयसीमा दी गई थी, लेकिन बिजली ट्रांसफार्मर लगने और विदेश से मशीनों के आने में देरी के चलते प्लांट स्थापित नहीं हो पाया है। सुसबिडी कंपनी का तकनीक साझा करने डब्ल्यूटीटी कंपनी से अनुबंध हुआ है। इससे वेस्ट ट्रीटमेंट तकनीक और यूरोप से वेस्ट टू बायो सीएनजी और बायोसीएनजी से गैस रूपांतरण की मशीनों को बुलाया गया है। इन मशीनों के अगस्त में भांडेवाड़ी पहुंचने का अनुमान है।
पर्यावरण संवर्धन और साक्षरता के लिए बायोडाइवर्सिटी पार्क आवश्यक : सीएम
उधर पर्यावरण संवर्धन को समाज के प्रत्येक घटक तक पहुंचाने के लिए गोरेवाड़ा परिसर में प्रस्तावित बायोडाइवर्सिटी पार्क बेहतर माध्यम साबित होगा। ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को समीक्षा बैठक में व्यक्त किया। पार्क के निर्माण के लिए राज्य सरकार की निधि के साथ ही सीएसआर से भी निधि उपलब्ध कराई जाएगी।
3 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में प्रस्तावित
गोरेवाड़ा परिसर में करीब 3 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में प्रस्तावित पार्क को साकार करने के लिए प्राथमिक समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री ने रामगिरी में ली। बैठक में विधानपरिषद सदस्य संदीप जोशी, मनपा आयुक्त डॉ अभिजीत चौधरी, अतिरिक्त आयुक्त बी वैष्णवी, ग्रीन यात्रा के प्रदीप त्रिपाठी समेत अन्य उपस्थित थे। गोरेवाड़ा तालाब के समीप जैव विविधता पार्क पर प्रस्तावित है। "प्राकृतिक सौंदर्य के प्रवेश द्वार' की संकल्पना पर आधारित पार्क से शहर के भीतर वन संवर्धन, शिक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पार्क में बगैर सीमेंट कांक्रीट निर्माण कार्य के निर्मित प्राकृतिक और शैक्षणिक जोन समेत अन्य क्षेत्र होंगे। पार्क के भीतर आवश्यक निर्माणकार्य बांस, मिट्टी समेत अन्य सामग्री से किया जाएगा। जैव विविधता पार्क की संकल्पना में स्थायी बुनियादी ढांचे के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता को जोड़ना है। पार्क के भीतर शहर के साथ ही जिले और विदर्भ की प्रमुख प्रजाति के पौधों का संवर्धन भी होगा, ताकि विद्यार्थी, शिक्षक एवं अन्य अनुसंधानकर्ताओं को सुविधा हो सके।
Created On :   18 May 2025 5:58 PM IST