Nagpur News: गोरेवाड़ा जू ओढे़गा हरियाली की चादर , इस बारिश में आस-पास 2 हजार पौधे लगेंगे

गोरेवाड़ा जू ओढे़गा हरियाली की चादर , इस बारिश में आस-पास 2 हजार पौधे लगेंगे
  • छायादार व फलों के पौधों पर जोर
  • पहली बारिश से काम होगा शुरू

Nagpur News गोरेवाड़ा जू जल्द ही हरियाली की चादर से ढंक जाएगा। इस बारिश के मौसम में जू के आसपास 2,000 नए पौधे लगाने की योजना है। मंगलवार को लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य जू को हरा-भरा बनाना और वन्यजीवों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है। इन पौधों में फलदार और छायादार पेड़ों के वृक्ष शामिल होंगे, जो भविष्य में मांसाहारी वन्यजीवों को छाया और शाकाहारी वन्यजीवों को फल प्रदान करेंगे। यह कदम न केवल जू की सुंदरता बढ़ाएगा, बल्कि वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में अधिक समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

नागपुर का बालासाहेब ठाकरे गोरेवाड़ा अंतरराष्ट्रीय जू पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। सुबह 8:30 बजे से शाम तक यहाँ पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। एसी बसों के माध्यम से चार प्रकार की सफारी - लेपर्ड सफारी, भालू सफारी, बाघ सफारी और शाकाहारी वन्यजीव सफारी - उपलब्ध हैं। इन सफारियों में पर्यटक बाघ, भालू, तेंदुआ और विभिन्न शाकाहारी वन्यजीवों को देख सकते हैं। जू की सुरक्षा के लिए चारों ओर बाडबंदी की गई है, ताकि बाहरी वन्यजीव अंदर न आ सकें और जू के वन्यजीव बाहर न जा सकें। हालांकि, यह क्षेत्र जंगली होने के बावजूद झाड़ियों और घने वनस्पति की कमी से जूझ रहा है। इस कारण वन्यजीव यहाँ लंबे समय तक नहीं ठहरते और कई बार तेंदुए व शाकाहारी वन्यजीव पास की मानव बस्तियों की ओर चले जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए जू प्रशासन ने 2,000 पौधे लगाने का फैसला किया है।

बारिश के मौसम में शुरू होने वाले इस पौधारोपण अभियान के लिए बाहर से पौधों की आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। यह पहल न केवल वन्यजीवों के लिए बेहतर आवास सुनिश्चित करेगी, बल्कि पर्यटकों के अनुभव को भी समृद्ध करेगी। हरे-भरे जंगल के बीच सफारी का आनंद लेना पर्यटकों के लिए और अधिक रोमांचक होगा। साथ ही, यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। गोरेवाड़ा जू की यह हरियाली पहल नागपुर के लिए गर्व का विषय बनेगी। इसके अलावा बारिश में नागपुर प्रादेशिक में भी पौधारोपण किया जाएगा। ताकि लगातार होनेवाले अतिक्रमण से लेकर मानव हस्तक्षेप के चलते काटे जानेवाले पेड़ों की भरपाई की जा सके। बारिश होने के बाद पौधारोपन किया जाएगा। इसके अलावा सीड्सबॉल भी फेंके जाएंगे।


Created On :   10 Jun 2025 4:58 PM IST

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