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Nagpur News: जिनसे मिले सुख, वही गए सूख, औषधीय पेड़-पौधों की नहीं हो रही देखरेख
- शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय का चरक व धन्वंतरि उद्यान बदहाल
- औषधीय गुणधर्म वाले 100 से अधिक पौधे थे
Nagpur News राज्य में नागपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की अलग पहचान है। यह केवल शिक्षा संस्थान ही नहीं है, बल्कि यहां के धन्वंतरि और चरक औषधि वनस्पति उद्यान इस कॉलेज परिसर को खास बनाते हैं। दोनों उद्यानों के निर्माण का उद्देश्य प्राचीन भारतीय चिकित्सा ज्ञान के अनुरूप विद्यार्थियों को औषधीय पौधों की सजीव जानकारी देना था। विद्यार्थियों और यहां आने वालों के भीतर औषधीय पौधों के प्रति जानकारी देकर जागरूकता बढ़ाना था। अब दोनों उद्यानों की हालत ऐसी हो गई है कि जिन औषधीय पौधों से सुख मिलता है, वही अब ‘सूख’ गए हैं।
मिलता था प्रत्यक्ष ज्ञान : सूत्रों के अनुसार चरक औषधि वनस्पति उद्यान का निर्माण करीब 25 साल पहले किया गया था। इसका नाम आयुर्वेदाचार्य चरक के नाम पर रखा गया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को औषधीय पौधों की शारीरिक बनावट, स्वाद, गुणधर्म और प्रयोग का प्रत्यक्ष ज्ञान देना था। धन्वंतरी औषधि वनस्पति उद्यान का निर्माण 18 साल पहले धन्वंतरी जयंती के अवसर पर किया गया था। आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरी के नाम पर इसका नाम रखा गया है। इसे सरकारी निधि से औषधीय पौधों के संरक्षण और प्रचार के उद्देश्य से विकसित किया गया था। इन दोनाें उद्यानों में सभी वनस्पतियों के साथ नाम फलक लगाए गए थे, ताकि विद्यार्थियों को व यहां आने वालों को उनकी जानकारी मिल सके। यहां अश्वगंधा, तुलसी, गिलोय, नीम, शतावरी, ब्राह्मी, सफेद मुसली, हरड, बहेड़ा, आंवला समेत अन्य औषधीय गुणधर्म वाले 100 से अधिक पौधे थे। अब कुछ ही बचे हैं, बाकी पर समय की मार पड़ चुकी है।
कचरा, घास और अनचाही झाड़ियां दोनों उद्यानों में सूखा जैसी स्थिति दिखाई देती है। बड़े पेड़ तो हरे-भरे हैं, लेकिन छोटे पौधे दम तोड़ चुके हैं। यहां गमले में लगाए गए पौधे तो दिखाई तक नहीं देते। केवल मिट्टी, कचरा आदि हैं। दरअसल जिम्मेदारों की तरफ से इसकी नियमित देखभाल नहीं की जा रही है। परिणामस्वरूप उद्यान परिसर में घास-कचरा, अनचाही जंगली झाड़ियां उग आई हैं। जिस मूल उद्देश्य से ये उद्यान विकसित किए गए थे, वह उद्देश्य दिखाई नहीं देता। दोनों उद्यान आयुर्वेदिक परंपरा की जीवंत प्रयोगशालाएं होने के बावजूद उनकी अनदेखी करने से यहां के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
Created On :   21 Jun 2025 2:56 PM IST