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Nagpur News: मराठी फिल्म गार्गी के निर्देशक ने की आत्महत्या, आर्थिक तंगी के कारण लगाई फांसी

- लाखों रुपए का कर्ज था
- रामकृष्ण मठ में भाई के पास रुके थे
- ‘गार्गी’ फिल्म से देशभर में मिली थी पहचान
Nagpur News. आर्थिक तंगी के चलते प्रसिद्ध मराठी फिल्म ‘गार्गी’ के निर्देशक आशीष उबाले ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना शनिवार की सुबह 7 बजे के दरमियान धंतोली स्थित रामकृष्ण मठ में हुई। आशीष उबाले मूलत: नागपुर के थे। वह प्रतापनगर में पैतृक घर में रहते थे। कुछ वर्ष पहले प्रतापनगर का पैतृक मकान बेच दिया था। माता-पिता के साथ वह मुंबई में रहने लगे थे।
लाखों रुपए का कर्ज था
करीब 25 वर्ष से वह निर्देशन के क्षेत्र में काम कर रहे थे। इसके लिए वह मुंबई गए। उन्होंने कई धारावाहिक अौर हिंदी- मराठी फिल्मों का िनर्देशन किया। कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया। कई मराठी धारावाहिकों का निर्माण व निर्देशन करने के दौरान उन्होंने लाखों रुपए कर्ज लिया था। इस बीच, उनका काम कम होता चला गया और कर्ज बढ़ता गया। उन्हें चिंता सताने लगी।
रामकृष्ण मठ में भाई के पास रुके थे : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले वह मुंबई से नागपुर आए थे। धंतोली में रामकृष्ण मठ में उनका छोटा भाई सारंग उबाले सेवादार के रूप में काम करता है। भाई से मिलने वह रामकृष्ण मठ में गए थे। भाई की गुजारिश पर वह दो दिन से उसके कमरे में रुके थे। शनिवार की दोपहर करीब 1.30 बजे भोजन किया। विश्राम करने के लिए भाई के कमरे में गए, मगर शाम को चाय पीने नहीं गए, इसलिए सारंग कमरे में गए तो आशीष फांसी के फंदे पर लटके दिखे। धंतोली पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है।
‘गार्गी’ फिल्म से देशभर में मिली थी पहचान : एक युवती और उसके किराए पर रहने वाले नृत्य-जोड़ीदार की कथा पर आधारित फिल्म ‘गार्गी’ से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली थी। फिल्म गार्गी वर्ष 2009 में ‘कार्लस्बर्ग अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव’ में दिखाया गया था, वहां पर भी इस फिल्म की सराहना हुई थी। फिल्म का संवाद लेखन श्याम पेठकर ने किया था। आशीष उबाले द्वारा निर्मित फिल्म, धारावाहिक में अग्नि, एका श्वासावे अंतर, किमयागार, गजरा, गार्गी (मराठी फिल्म), चक्रव्यूह (दूरदर्शन धारावाहिक), प्रेमासाठी वाट्टेल ते (मराठी फिल्म), बाबुरावला पकडा (मराठी फिल्म) के अलावा मराठी फिल्म जय-जय गगनगिरी महाराज, गुजाते रहो, नाथ हा माझा का निर्देशन किया था। उन्होंने अभिनेता मोहन जोशी, विजय गोखले, मकरंद अनासपुरे, विजय कदम सहित अन्य कई फिल्मी कलाकारों के साथ काम किया था।
जगजीत सिंह के साथ भी किया था काम : प्रख्यात गजल गायक जगजीत सिंह की आखिरी ‘रिकॉर्डिंग’ एक मराठी फिल्म के लिए हुई थी। निर्माता आशीष उबाले की ‘आनंदाचे डोही’ फिल्म में जगजीत सिंह ने गजल गाया था। फिल्म में यह गजल अभिनेता दिलीप प्रभावलकर पर फिल्माई गई थी। जगजीत सिंह के साथ आशीष के करीबी संबंध थे।
Created On :   18 May 2025 7:14 PM IST