Nagpur News: नागपुर शहर के सार्वजनिक बदहाल कुओं की स्थिति पर जनहित याचिका, पानी के 57 नमूने से 12 में फ्लोराइड

नागपुर शहर के सार्वजनिक बदहाल कुओं की स्थिति पर जनहित याचिका, पानी के 57 नमूने से 12 में फ्लोराइड
  • याचिकाकर्ता का हाई कोर्ट में शपथ पत्र
  • बदहाल कुओं को पुनर्जीवित करने की मांग

Nagpur News शहर के सार्वजनिक बदहाल कुओं की स्थिति पर प्रलंबित जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने शपथ पत्र दायर किया है। इसमें केंद्रीय भूजल सर्वेक्षण विभाग ने शहर की भूजल स्थिति पर प्रस्तुत रिपोर्ट का उल्लेख किया है। 2023 के प्री-मानसून अवधि के दौरान, परीक्षण के लिए 57 भूजल नमूने लिए गए थे। इनमें से 12 नमूनों में प्लोराइड की मात्रा ज्यादा पाई गई और 8 नमूनों में जल दूषित होने के कारण मानव उपभोग के लिए अयोग्य पाया गया। इसलिए याचिकाकर्ता ने मनपा को शहर के कुओं के पुनर्जीवन को गंभीरता से लेते हुए इसकी जिम्मेदारी नीरी को सौंपने की मांग की है।

पानी पीने योग्य नहीं : नागपुर शहर के आधे से ज्यादा सार्वजनिक कुओं का पानी पीने योग्य नहीं रहा, और ये कुएं या तो सूखे पड़ गये हैं या कूड़े के गड्ढों में तब्दील हो गये हैं। इसलिए, इन कुओं को पुनर्जीवित करने की मांग करते हुए संदेश सिंगलकर ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर गुरुवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. सचिन देशमुख के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की वकील ने एक शपथपत्र प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने भूजल सर्वेक्षण रिपोर्ट का उल्लेख किया।

नीरी का प्रस्ताव अस्वीकार : याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि, नीरी ने शहर के कुओं का सर्वेक्षण कर पुनर्जीवित करने के लिए उपाययोजनाओं की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 36 लाख रुपये की फीस की मांग की है। हालांकि, मनपा ने नीरी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। मनपा का इस वर्ष का बजट साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये का है। इसमें से 36 लाख रुपये कुओं के पुनर्जीवन के लिए देना मनपा के लिए भार नहीं होना चाहिए। इसलिए, याचिकाकर्ता ने न्यायालय से मनपा को यह प्रस्ताव स्वीकार करने का आदेश देने की मांग की है। कोर्ट ने मनपा को इस पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। याचिकाकर्ता की तरफ से एड. स्मिता सिंगलकर और मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।

11 कुओं का लिया जायजा : शपथ पत्र में याचिकाकर्ता ने बताया कि, उन्होंने स्वयं शहर के 11 कुओं का दौरा कर उनकी स्थिति का जायजा लिया, जो दयनीय पाई गई। शहर में 860 कुओं में से 120 कुओं के खराब होने की बात खुद मनपा स्वीकार करती है, फिर भी उनको पुनर्जीवित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही।

कुओं का उद्देश्य गप्पी मछलियों का पालन नहीं : याचिकाकर्ता ने 14 जून 2024 के मनपा द्वारा दायर किए गए शपथ पत्र का उल्लेख करते हुए बताया कि, 138 कुओं में गप्पी मछलियों का पालन हो रहा है, जबकि सार्वजनिक कुओं का उद्देश्य गप्पी मछलियों का पालन नहीं, बल्कि पीने और घरेलू उपयोग के लिए पानी की आपूर्ति करना है।


Created On :   4 July 2025 11:58 AM IST

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