Nagpur News: नागपुर यूनिवर्सिटी का शोध , नीला प्रकाश खत्म करेगा तनाव

नागपुर यूनिवर्सिटी का शोध , नीला प्रकाश खत्म करेगा तनाव
  • शोधकर्ताओं ने किया समाज उपयोगी शोध
  • "ब्लू लाइट ल्यूमडोम' अनुसंधान को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट
  • कम लागत में जनता के लिए उपलब्ध होगी सुविधा

Nagpur News आधुनिक जीवनशैली के व्यस्त जिंदगी में हर व्यक्ति तनाव से गुजर रहा है। इस समस्या को देखते हुए राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने नीले रंग के प्रकाश का उपयोग करके शांति का उपाय खोजा है, जिससे तनाव ग्रस्त लोगों को तनाव मुक्त करने के लिए सामाजिक उपयोगी शोध किया गया है। -"ब्लू लाइट ल्यूमडोम' नामक इस सामाजिक शोध के माध्यम से अब तनाव मुक्त जीवन जीना संभव होगा।

शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. संजय ढोबले और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी विभाग के शोधकर्ता व काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट यजुर्वेद सेलोकर ने यह शोध किया है। उन्होंने अवसाद (डिप्रेशन), चिंता और मौसमी विकार (सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर) के उपचार के लिए नीले रंग के प्रकाश से उपचार करने हेतु "ब्लू लाइट ल्यूमडोम' का एक नया मॉडल विकसित किया है। उन्हें "ब्लू लाइट ल्यूमडोम' मॉडल को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुआ है।

दोनों शोधकर्ताओं, डॉ. संजय ढोबले और यजुर्वेद सेलोकर ने बताया कि इस उपाय से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा और रोजमर्रा के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव दिखाई देगा। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह लोगों के लिए एक उत्कृष्ट लाइट थेरेपी है। इस नए प्रयोग के जरिए दवा-मुक्त, सुरक्षित, प्राकृतिक और कम खर्च में कम समय में यह लाइट थेरेपी जनता के लिए कहीं भी उपलब्ध हो सकती है। इस नीले प्रकाश की लाइट थेरेपी के अच्छे परिणामों को देखते हुए यह पुरुषों, महिलाओं, छात्रों, व्यापारियों, कार्यालयीन अधिकारियों, कर्मचारियों, युवाओं और सभी स्तर के लोगों के लिए उपयोगी है, जो किसी न किसी प्रकार के तनाव से जूझ रहे हैं।

20 से 30 मिनट बैठने से शांति कम वेवलेंथ और उच्च ऊर्जा (425 एनएम से 480 एनएम) वाले नीले प्रकाश पैनल लाइट्स के उपयोग से इस मॉडल को प्रायोगिक आधार पर तैयार किया गया, जिसमें बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की गई है। इस मॉडल में कम तीव्रता वाले नीले प्रकाश में 20-30 मिनट बैठने से तनाव, गुस्सा या चिंता की स्थिति में शांति मिलती है और व्यक्ति को अच्छा महसूस होने लगता है। इस उपाय को कुछ दिनों तक अपनाने से चिंतामुक्त होने में मदद मिलती है।

"हैप्पी हार्मोन्स' को बढ़ावा : "ब्लू लाइट ल्यूमडोम' के निर्माण के लिए छह नीले प्रकाश पैनल (425 से 480 एनएम वेवलेंथ) डोम पर लगाए गए, ताकि प्रकाश कम तीव्रता वाला हो और आंखों पर सीधे न पड़े। नीले प्रकाश में 25-30 मिनट बैठने से मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे ‘हैप्पी हार्मोन्स' के उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और अवसाद की तीव्रता कम होती है। नीले प्रकाश के संपर्क में आने से हर व्यक्ति को शांति का अनुभव होता है और यह रंग शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे व्यक्ति का गुस्सा और अवसाद कम होता है, स्वयं में ऊर्जा का संचार होता है, और मस्तिष्क से सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं, जिससे वह नई ऊर्जा के साथ व्यवहार कर सकता है।

जी 20 के समय लगाई थी पैनल लाइट्स : नागपुर मनपा ने जी-20 के अवसर पर शहर को सजाने के लिए सड़क किनारे लोहे के खंभों पर इस प्रकार के मॉडल बनाए थे, जिनमें कुछ स्थानों पर प्लास्टिक शीट भी लगाई गई थी। वहां सफेद एलईडी लाइट्स लगाकर सजावट की गई थी। डॉ. संजय ढोबले और यजुर्वेद सेलोकर ने इन शीट्स पर नीले रंग के पैनल लाइट्स और बैठने के लिए बेंच लगाने की मांग महानगरपालिका से की है। इससे नागरिक नीले प्रकाश की लाइट थेरेपी लेकर तनाव मुक्त रह सकते हैं। ऐसा होने पर नागपुर देश का पहला सुख और समृद्धि वाला शहर बन सकता है।

Created On :   22 May 2025 1:51 PM IST

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