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Nagpur News: नरभक्षी बाघिन के शावक को भी लाया गोरेवाड़ा , तेंदूपत्ता तोड़ने गई 3 महिलाओं का किया था शिकार

- सप्ताहभर पहले बाघिन को लाया था
- नरभक्षी बाघिन और उसके शावक को गोरेवाड़ा में किया गया कैद
Nagpur News नागपुर के गोरेवाड़ा जंगल में मंगलवार को एक नरभक्षी बाघिन के शावक को पकड़कर लाया गया। इस बाघिन ने चंद्रपुर के सिंदेवाही में तेंदूपत्ता तोड़ने गई तीन महिलाओं की जान ले ली थी, जिसके बाद वन विभाग ने इसे पकड़ने का अभियान छेड़ा था। एक सप्ताह पहले बाघिन को गोरेवाड़ा लाया गया था, लेकिन उसका शावक तब जंगल में छिप गया था। अब ब्रम्हपुरी वन विभाग की टीम ने शावक को भी सफलतापूर्वक पकड़ लिया है। दोनों को अब गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में एक साथ रखा गया है।
तेंदूपत्ता संकलन के दौरान हादसा : तेंदूपत्ता संकलन महाराष्ट्र के जंगलों में हजारों मजदूरों के लिए आजीविका का साधन है। वन विभाग मजदूरों को बाघों से बचाव के लिए प्रशिक्षण देता है, लेकिन कई बार यह प्रशिक्षण नाकाफी साबित होता है। ऐसा ही दिल दहला देने वाला हादसा 10 मई को चंद्रपुर के सिंदेवाही के पास हुआ। मेंढा माल गांव की कुछ महिलाएं तेंदुपत्ता तोड़ने जंगल गई थीं। शाम तक जब तीन महिलाएं घर नहीं लौटीं, तो ग्रामीणों ने उनकी तलाश शुरू की। जंगल में उनकी खोज के दौरान तीनों के क्षत-विक्षत शव मिले। वन विभाग और पुलिस की जांच में कैमरा ट्रैप के जरिए एक बाघिन की पहचान हुई, जिसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। बाघिन को पकड़ने के आदेश जारी किए गए। इस बाघिन का एक शावक भी है, जिसकी उम्र करीब एक साल है। संदेह था कि शावक भी इस हमले में शामिल हो सकता है। हालांकि, शुरुआत में शावक जंगल में छिप गया था, लेकिन वन विभाग ने हार नहीं मानी। सोमवार को ब्रम्हपुरी वन विभाग की टीम ने शावक को पकड़ने में सफलता हासिल की और उसे गोरेवाड़ा लाया गया।
शावक को पकड़ने की वजह : शावक के इस हमले में शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उसे पकड़ने के कई कारण हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मां के बिना शावक शिकार करने में असमर्थ होगा, जिससे भुखमरी के कारण उसकी मौत हो सकती है। इसके अलावा, किसी बड़े बाघ के हमले का भी खतरा बना रहता है। सबसे बड़ी चिंता यह थी कि अगर शावक ने हमले में हिस्सा लिया और भविष्य में किसी ग्रामीण पर हमला किया, तो स्थिति और बिगड़ सकती थी। इन खतरों को देखते हुए शावक को पकड़ना जरूरी था।
गोरेवाड़ा में नया ठिकाना : अब बाघिन और उसके शावक को गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में सुरक्षित रखा गया है। वन विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। ग्रामीणों में अब राहत की सांस है, लेकिन यह घटना जंगल और मानव के बीच बढ़ते टकराव की गंभीरता को उजागर करती है।
Created On :   20 May 2025 4:26 PM IST