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Nagpur News: शालार्थ आईडी घोटाला प्रकरण - 574 फर्जी नियुक्ति पत्रों के दस्तावेज मिले

- घोटाला 120 करोड़ रुपए से अधिक के होने का अनुमान
- आरोपी बोर्ड सचिव वैशाली ने लाया था पुलिस पर दबाव
Nagpur News. फर्जी नियुक्ति और शालार्थ आईडी घोटाला 120 करोड़ से अधिक होने का अनुमान जताया जा रहा है। दस्तावेजों से 574 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति होने के बारे में प्रारंभिक तौर पर पता चला है। प्रकरण में भी अधिकारियों की गिरफ्तारी होना बाकी है। घोटाल में लिप्त तत्कालीन अधिकारी वर्तमान में राज्य के कई जिलों में कार्यरत हैं। प्रमोशन देकर उन्हें जिलों में भेजा गया है। इनमें कुछ भंड़ारा, गोंदिया में कार्यरत हैं। कुछ अधिकारियों की गिरफ्तारी के प्रयास हुए है, लेकिन वे एसआईटी के हाथ नहीं लगे हैं। अभी तक जांच दल के हाथ करीब 574 फर्जी नियुक्ति पत्रों के दस्तावेज मिले है। घोटाले में लिप्त तत्कालीन अधिकारियों ने प्रति शिक्षक 20 से 30 लाखों रुपए की रिश्वत लेकर शालार्थ आईडी का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल कर अयोग्य शिक्षकों को नियुक्तियां दी हैं। बरामद दस्तावेजों से यह घोटाला 120 से 122 करोड़ रुपए तक जाने की आशंका है। इस प्रकरण में कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
आरोपी बोर्ड सचिव वैशाली ने लाया था पुलिस पर दबाव
उधर शालार्थ आईडी घोटाला प्रकरण में आरोपी वैशाली जामदार को शनिवार को अवकाशकालीन अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे पुलिस की रिमांड में भेज दिया। कार्रवाई के दौरान आरोपी ने पुलिस अधिकारी भाई की मदद से एसआईटी पर भारी दबाव लाया था। बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। आरोपी वैशाली जामदार 2019 में नागपुर शिक्षा विभाग के उप-संचालक थी। उसके कार्यकाल में करीब 211 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की फर्जी आईडी बनाई गई थी। उसके बाद उसका तबादला हो गया। वर्तमान में छत्रपत्ति संभाजी नगर शिक्षा विभाग में बोर्ड की सचिव है। घोटाले में उसका नाम सामने आने पर एसआईटी उसे गिरफ्तार करने के लिए सक्रिय हो गई। पुलिस भी उसे गिरफ्तार करने के फिराक में थी। इसकी भनक लगने पर वैशाली ने खुद के बचाव में एसआईटी पर दबाव बनाना शुुरू किया। उसके लिए राजनीतिक व पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से बात कर दबाव लाने का प्रयास किया। वैशाली का भाई पुलिस अधिकारी है और पुणेे में पदस्थ है। वैशाली की गिरफ्तारी के लिए दो दिन पहले ही एसआईटी की टीम ने वहां पर दस्तक दी थी। कार्रवाई के दौरान वैशाली हाथ लगी। ट्रांजिंट रिमांड में लेकर शनिवार को ही पुलिस नागपुर पहुंची। दोपहर में वैशआली को अदालत में पेश कर सोमवार तक रिमांड में लिया गया है। एक और अधिकारी का घोटाले में नाम उजागर हुआ है। उसे गिरफ्तार करने के लिए एसआईटी का दल नागपुर से रवाना हुआ, लेकिन खुद गिरफ्तार होने की आशंका के चलते अधिकारी फरार हो गया और पुलिस की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा।
Created On : 25 May 2025 7:38 PM IST