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मीडिया को चकमा: 17 साल बाद आजादी की खुली हवा हुई नसीब, मीडिया के कैमरों में कैद हुआ अंडरवर्ल्ड डॉन गवली
- शिवसेना नगरसेवक कमलाकर जामसांडेकर हत्या प्रकरण में था उम्रकैद की सजा
- 2004 से 2009 तक वह मुंबई के चिंचपोकली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहा
Nagpur News. सफेद कुर्ता पायजामा और सफेद दाढ़ी में नजर आ रहे उस शख्स की कभी अंडरवर्ल्ड में तूती बेलती थी, अंडरवर्ल्ड के रह चुके डॉन अरुण गवली को 17 साल बाद खुली हवा नसीब हुई और मीडिया के कैमरों में यह नजारा कैद हो गया। उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत अर्जी मंजूर किए जाने के बाद कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन और पूर्व विधायक अरुण गवली उर्फ ‘डैडी’ को बुधवार को नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। गवली की रिहाई की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में पत्रकार जेल के मुख्य द्वार पर पहुंच गए। लेकिन जेल प्रशासन ने प्रवेश द्वार के सामने का गेट बंद कर दिया ताकि मीडिया उसकी झलक न देख सके। गवली को जेल के पिछले गेट से बाहर निकाला गया और पुलिस सुरक्षा में कार के काफिले के साथ हवाईअड्डे भेजा गया। हालांकि हवाईअड्डे पर वह मीडिया कैमरों में कैद हो गया और हाथ हिलाकर अभिवादन किया, लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
गवली को दोपहर करीब 12.30 से 12.45 बजे के बीच जेल प्रशासन ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद छोड़ा। पुलिस सुरक्षा के बीच उसे सीधे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (सोनेगांव) ले जाया गया, जहां से वह मुंबई रवाना हुआ।
कौन है अरुण गवली?
- गवली मुंबई के भायखला स्थित दगड़ी चॉल से अपराध जगत में उभरा।
- उसने अखिल भारतीय सेना संगठन की स्थापना की और राजनीति में भी कदम रखा।
- वर्ष 2004 से 2009 तक वह मुंबई के चिंचपोकली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहा।
हत्या का मामला और सजा
- वर्ष 2007 में मुंबई के शिवसेना नगरसेवक कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में गवली को दोषी ठहराया गया।
- अगस्त 2012 में सत्र न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास और 17 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
- ट्रायल कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट ने सजा बरकरार रखी।
- गवली ने 9 दिसंबर 2019 को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
गत गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर कर दी।
Created On :   3 Sept 2025 6:40 PM IST