Nagpur News: यूपीएससी प्रीलिम्स : गणितीय प्रश्नों की भरमार से अभ्यर्थी परेशान

यूपीएससी प्रीलिम्स : गणितीय प्रश्नों की भरमार से अभ्यर्थी परेशान
  • सोशल मीडिया पर उठी नाराजगी की आवाज
  • क्वांटिटेटिव आधारित प्रश्नों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक रही

Nagpur News देशभर में रविवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा संपन्न हुई। इस बार परीक्षा में पेपर-2 को लेकर अभ्यर्थियों में असंतोष देखा गया। परीक्षार्थियों का कहना है कि, इस वर्ष के सीसैट में पूरी तरह से क्वांटिटेटिव आधारित प्रश्नों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक रही। इस बार कम्प्रेहेंशन और रीजनिंग से जुड़े प्रश्नों की संख्या 10 से भी कम रही, जबकि अधिकांश प्रश्न कठिन गणितीय अवधारणाओं पर आधारित थे। सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर अभ्यर्थियों ने इस लेकर आवाज उठाते हुए आयोग से सीसैट में संतुलन बनाए रखने की मांग कर रहे हैं।

2023 में भी जताई थी निराशा : वर्ष 2023 में भी ऐसा ही ट्रेंड देखने मिला था, जिसके बाद 2024 में आयोग ने पेपर को संतुलित करते हुए सभी सेक्शन को उचित प्रतिनिधित्व दिया था, लेकिन इस वर्ष फिर गणितीय प्रश्नों की अधिकता से अभ्यर्थियों में निराशा है। शिक्षाविदों का मानना है कि, सीसैट का उद्देश्य अभ्यर्थियों की बुनियादी योग्यता को परखना है, न कि उन्हें तकनीकी रूप से गणितज्ञ साबित करना। यदि इस तरह का ट्रेंड जारी रहा, तो कई होनहार अभ्यर्थी सिर्फ गणितीय कमजोरी के कारण बाहर हो सकते हैं।

जेईई की तरह लग रहा था पेपर : यह परीक्षा तो पूरी तरह से जेईई की परीक्षा जैसी लग रही थी। यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित और विविधता भरी परीक्षा में हम एक संतुलित पेपर की अपेक्षा करते हैं। इस बार रीजनिंग से संबंधित प्रश्न नाममात्र थे। एक-दो प्रश्न ही इन विषयों से पूछे गए। मुझे लगा था कि, यह परीक्षा हमारे समग्र विश्लेषणात्मक कौशल को परखेगी, न की गणितीय क्षमता को।-स्नेहा वाकडे

...तो बैंकिंग की करते तैयारी : यूपीएससी जैसी परीक्षा में अगर केवल गणित का ही परीक्षण होना था, तो हम बैंकिंग या एसएससी जैसी परीक्षा की तैयारी करते, न कि यूपीएससी की। उम्मीद नहीं थी कि, पेपर इस हद तक गणित प्रधान होगा। -समीर शेख

क्वांटिटेटिव मैथ्स की भरमार : क्वालिफाइंग पेपर से हम यह उम्मीद करते हैं कि, वह समग्र रूप से योग्यता का परीक्षण करेगा, लेकिन इस बार क्वांटिटेटिव मैथ्स का इतना अधिक भार था कि, जिसकी अपेक्षा हमने नहीं की थी। हमने तैयारी पूरी तरह 2024 के पैटर्न और दिशा-निर्देशों के अनुसार की थी। -अवंतिका लोखंडे


Created On :   27 May 2025 2:08 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story