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Nagpur News: विदर्भ हॉकी एसोसिएशन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

- अदालत ने ‘एक राज्य, एक संगठन’ का सिद्धांत दोहराया
- हॉकी इंडिया ने विदर्भ हॉकी एसोसिएशन की संलग्नता रद्द की
Nagpur News सुप्रीम कोर्ट ने विदर्भ हॉकी एसोसिएशन द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दी, जिसमें खुद को हॉकी इंडिया और भारतीय ओलंपिक संघ में सहयोगी सदस्य के रूप में मान्यता देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि हॉकी एक ओलंपिक खेल है और भारतीय ओलंपिक संघ के नियमों के अनुसार प्रत्येक राज्य से केवल एक ही मान्यता प्राप्त एसोसिएशन हो सकती है। न्या. सूर्यकांत और न्या. दीपांकर दत्ता ने यह फैसला सुनाया।
संलग्नता रद्द, राहत देने से इनकार : हॉकी इंडिया ने विदर्भ हॉकी एसोसिएशन की संलग्नता रद्द कर दी। इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी ‘एक राज्य, एक संगठन’ सिद्धांत का दोहराते हुए विदर्भ हॉकी एसोसिएशन को राहत देने से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ता से ही सवाल : सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह सवाल भी किया कि जब हाई कोर्ट का आदेश जून 2024 में आया था, तो विशेष अनुमति याचिका मई में क्यों दाखिल की गई और फिर उसे छुट्टियों में सूचीबद्ध करवाने की आवश्यकता क्यों पड़ी? साथ ही कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “आज जो मामले सूचीबद्ध हैं, उनमें से 70 फीसदी ऐसे हैं, जिनकी सुनवाई बाद में भी हो सकती थी। आप लोगों ने हमें रातभर बैठकर फाइल पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया।”
हॉकी पर लागू हैं ओलिंपिक के नियम : विदर्भ हॉकी एसोसिएशन ने कोर्ट को बताया कि 2013 तक उन्हें सदस्यता दी गई थी, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने स्पष्ट किया, “हॉकी एक ओलंपिक खेल है, इसलिए इस पर भारतीय ओलिंपिक संघ के नियम लागू होते हैं। याचिकाकर्ता ने कबड्डी और क्रिकेट एसोसिएशन का उदाहरण दिया, लेकिन ये दोनों खेल ओलंपिक का हिस्सा नहीं हैं।” महाराष्ट्र राज्य में केवल एक ही हॉकी एसोसिएशन हो सकता है, इसलिए विदर्भ और मुंबई हॉकी एसोसिएशन की सदस्यता रद्द करने का निर्णय कोर्ट ने दिया।
पूरा मामला यह है : याचिका के अनुसार, देश में ‘एक राज्य, एक संगठन’ नीति के तहत विदर्भ हॉकी एसोसिएशन की संलग्नता खतरे में पड़ गई थी। विदर्भ के 11 और मराठवाड़ा के 2 जिलों में स्वतंत्र अधिकारों के माध्यम से विदर्भ हॉकी की संलग्नता बनाए रखने की मांग उच्च न्यायालय से की गई थी। दूसरी ओर, महाराष्ट्र हॉकी एसोसिएशन ने राज्य के सभी जिलों को शामिल करने की तत्परता दिखाई थी। हॉकी इंडिया ने इसे नीतिगत मुद्दा बताया था। उच्च न्यायालय ने संगठनों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए महाराष्ट्र हॉकी एसोसिएशन को इस पर फैसला लेने का आदेश दिया था। इसके बाद एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
Created On :   27 May 2025 11:12 AM IST