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Nagpur News: विदर्भ में 23 से स्कूल शुरू करने का विरोध , पहले दिन आंदोलन की चेतावनी

- आरोप-सरकार का मांगों पर ध्यान नहीं
- महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल ने जताई नाराजगी
Nagpur News महाराष्ट्र राज्य की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं और संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल ने 23 जून 2025 से विदर्भ में स्कूल शुरू नहीं करने का फैसला लिया है। आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं की मांगों की जानबूझकर अनदेखी की जा रही है। यह जानकारी महामंडल के सरकार्यवाह रविंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दी। विदर्भ में करीब 7 से 8 हजार स्कूल हैं। अगर इस फैसले पर अमल होता है, तो स्कूल शुरू होने के पहले ही दिन शिक्षण संस्था के आंदोलन का बड़ा असर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री को भेजा गया है पत्र : रविंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य में नया शैक्षणिक सत्र 16 जून से शुरू हो चुका है। विदर्भ क्षेत्र में 23 जून से स्कूल शुरू करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। महामंडल से संबद्ध शैक्षणिक संस्थाओं ने स्पष्ट रूप से स्कूल नहीं खोलने की घोषणा की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पहले ही एक निवेदन भेजा जा चुका है। निवेदन में यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षा विभाग से संबंधित कई गंभीर विषय लंबित हैं। बार-बार पत्राचार व निवेदनों के माध्यम से इन पर ध्यान आकर्षित करने के बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। महामंडल ने मांग की है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शालेय शिक्षा मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में तत्काल बैठक बुलाई जाए, अन्यथा पूरे राज्य में स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की भूमिका अपनाई जाएगी। पत्रपरिषद में पूर्व विधायक नागो गाणार और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
यह हैं प्रमुख मांगें : निवेदन में जिन प्रमुख मांगों का उल्लेख है उनमें शैक्षणिक संस्थाओं को संपत्ति कर से छूट, अनुदानित स्कूलों को आवासीय दर पर बिजली आपूर्ति, शैक्षणिक संस्थाओं को मुफ्त सौर ऊर्जा सुविधा, आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के अंतर्गत स्कूलों को एक बार की स्थाई मान्यता, 2400 करोड़ की लंबित शुल्क प्रतिपूर्ति का तुरंत भुगतान तथा लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति शामिल हैं। इसके अलावा 15 मार्च 2025 के अन्यायपूर्ण संच मान्यता आदेश को तुरंत रद्द करने की मांग भी की गई है।
Created On :   21 Jun 2025 3:37 PM IST