आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थान: इस वर्ष की थीम है हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद

इस वर्ष की थीम है हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद
  • आयुर्वेद की शक्ति लोगों तक पहुंचाएं
  • हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद
  • इस वर्ष की थीम

डिजिटल डेस्क, नागपुर. आयुर्वेद, योग विज्ञान व यूनानी उपचार पद्धति हमारी संस्कृति है। इसे विश्व में मान्यता मिली हुई है। पंचकर्म चिकित्सा की विश्व में बड़ी मांग है। आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली है। उसे प्रोत्साहन देने पर समाज व देश का हित होगा। इसके लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन काफी महत्वपूर्ण है। ऐसा केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थान की तरफ से आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे कार्यक्रम की उन्होंने सराहना की।

निकाली गई महारैली

क्रीड़ा चौक स्थित ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षा संस्था से आयुर्वेद के प्रति जागरूकता व प्रचार के लिए महारैली आयोजित की गई। द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता विजय मुनिश्वर राज्य की पहली महिला बॉक्सर अल्फिया पठान, साइकिल खिलाड़ी अमित समर्थ, ईश्वर देशमुख कॉलेज के प्राचार्य एस. नायडू, राधाकृष्णन हॉस्पिटल के अध्यक्ष डॉ. पोतदार आदि ने रैली को हरी झंडी दिखाई। ‘रोग अनेक उपाय एक आयुर्वेद’ का संदेश देते हुए निकली रैली में विविध संस्थाओं व विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। रैली में बैद्यनाथ, दत्ता मेघे इइंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, आयुर्वेद व्यासपीठ आदि संस्थाओं की झाकियां शामिल की गई थीं। इसके अलावा ई-रिक्शा नीमा, बैद्यनाथ, केडीके आयुर्वेदिक कॉलेज, श्री आयुर्वेद, शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, आरोग्य भारती, विज्ञान भारती, नीरी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर डॉक्टर्स एसोसिएशन, लायंस क्लब, आदर्श फार्मेसी कॉलेज, बेटियां शक्ति फाउंडेशन, पुलक मंच, अमर स्वयरूप फाउंडेशन के सदस्य व विद्यार्थी हजारों की संख्या में शामिल हुए थे।

आयुर्वेद की शक्ति लोगों तक पहुंचाएं

आयुष मंत्रालय अंतर्गत केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा संचालित नागपुर के अनुसंधान संस्थान की तरफ से 8वें आयुर्वेद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस साल की थीम ‘हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद’ है। केंद्रीय मंत्री ने वीडियो संदेश के माध्यम से रैली काे शुभकामनाएं दी। गडकरी ने कहा कि आयुर्वेद की देश में ही नहीं, विदेश में भी मांग है, इसलिए आयुर्वेद डॉक्टरों को केवल आयुर्वेद में ही प्रैक्टिस करनी चाहिए। एलोपैथी का आधार नहीं लेना चाहिए। आयुर्वेद पर लोगों का विश्वास है, इसलिए आयुर्वेद की शक्ति लोगों तक पहुंचाना जूररी है। इस क्षेत्र में बड़े प्रमाण में अनुसंधान की आवश्यकता है।

पुरस्कार व प्रमाणपत्र वितरण

रैली में शामिल होने वाले सभी सदस्यों व संस्थाओं को प्रमाणपत्र वितरित किया गया। कार्यक्रम में कृष्णा खोपडे, पद्मश्री डॉ. विकास महात्मे, डॉ. मनीष देशमुख, डॉ. कृष्णमूर्ति आदि उपस्थित थे। ज्यूपिटर आयुर्वेद कॉलेज को प्रथम, भाऊसाहेब मुलक केडीके कॉलेज बुटीबोरी को द्वितीय, दत्ता मेघे कॉलेज वानाडोंगरी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। विधायक कृष्णा खोपडे ने कहा कि कोरोनाकाल में स्वास्थ्य रक्षा में आयुर्वेद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। डॉ. विकास महात्मे ने कहा कि आयुर्वेद को पूरी क्षमता के साथ समृद्ध करने का समय आ चुका है। अनुसंधान संस्थान के सहायक संचालक डॉ. मिलिंद सूर्यवंशी ने कहा कि पहली बार नागपुर में अायुर्वेद पर आधारित झांकी का आयोजन किया गया। उन्होंने सभी सहयोगियों व उपस्थितों का आभार माना।


Created On :   6 Nov 2023 6:22 PM IST

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