नागपुर: वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना जल्द होगी पूरी, 15 तहसीलों को मिलेगा लाभ

वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना जल्द होगी पूरी, 15 तहसीलों को मिलेगा लाभ
  • वर्धा, अमरावती, नागपुर, भंडारा, यवतमाल, बुलढाणा की 15 तहसीलों के किसानों को मिलेगा लाभ
  • दो माह में मिल सकती है प्रशासकीय मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. विदर्भ में सिंचाई सुविधा बढ़ाने महत्वपूर्ण वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना को जल्द मूर्त रूप मिलने की उम्मीद अब बंध गई है। यह योजना करीब तीन दशक पहले राष्ट्रीय जलविकास प्रधिकरण के माध्यम से विदर्भ के दो हिस्सों को जोड़कर सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए 426.42 किमी के लिए प्रस्तावित की गई थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते और जलंसचय क्षमता की कड़ी शर्त में मामला अटक गया था। हाल ही में राष्ट्रीय जलविकास प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के बाद जलसंपत्ति नियमन प्राधिकरण मुंबई को प्रस्ताव और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजी गई है। कई तकनीकी बाधाओं को दूर कर जल्द राज्य सरकार को यह योजना प्रशासकीय मंजूरी के लिए भेजने की दावा आला अधिकारी कर रहे हैं। ऐसे में अगले दो माह में योजना को मंजूरी मिलने पर मूर्त रूप मिलने की उम्मीद है।

करीब 88,575 करोड़ रुपए की लागत से नलगंगा-वैनगंगा नदी जोड़ो परियोजना में 426.42 किमी लंबी नहर के माध्यम से भंडारा की वैनगंगा नदी को बुलढाणा की नलगंगा नदी से जोड़ा जाएगा। इस साल 4 जनवरी को परियाेजना के लिए जल उपलब्ध कराने की अनिवार्यता को शिथिल करने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। परियोजना की क्षमता करीब 1286 द.ल.घ. मीटर जल आरक्षण रखा गया है। इसमें से 32 द.ल.घ. मीटर जलापूर्ति और 397 द.ल.घ. मीटर जल का सिंचाई और औद्योगिक इस्तेमाल किया जाएगा। गोसीखुर्द से निकलने वाले पानी से वर्धा, अमरावती, नागपुर, भंडारा, यवतमाल, बुलढाणा की 15 तहसीलों के किसानों को लाभ मिलेगा। प्रकल्प के लिए 28,041 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। करीब 31 नए स्टाक टैंक को बनाने के लिए 18,768 निजी जमीन, 609 हेक्टेयर सरकारी जमीन और 241 हेक्टेयर अन्य नागरिकों की जमीन का अधिग्रहण करना होगा।

आला अधिकारी, जलसंपदा विभाग के मुताबिक सिंचाई अन्वेषण प्रकल्प विभाग से करीब तीन माह पहले मुंबई प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य के जलसंपत्ति नियमन प्राधिकरण, मुंबई को भेजे प्रस्ताव में याेजना के तकनीकी पहलुओं की अंतिम जांच होना है। योजना के तहत सालभर 75 फीसदी जल प्रवाह बनाएं रखने की दिशा में निष्कर्ष दिया जाना है। जलसंपत्ति नियमन प्राधिकरण की ओर से अंतिम जांच के बाद प्रस्ताव को औपचारिक रूप से राज्य सरकार को भेजा जाएगा। जलसंपत्ति नियमन प्राधिकरण के संशोधित प्रस्ताव को योजना विभाग, जलसंपदा विभाग और वित्त विभाग से तकनीकी और आर्थिक प्रावधान करने के बाद प्रशासकीय मंजूरी दी जाएगी। अगले दो माह में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने की संभावना है।



Created On :   18 March 2024 2:29 PM GMT

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