Panna News: डाक व्यवस्था हुई लचर, 12 दिनों में भी सतना नहीं पहुंची डाक

डाक व्यवस्था हुई लचर, 12 दिनों में भी सतना नहीं पहुंची डाक
  • डाक व्यवस्था हुई लचर
  • 12 दिनों में भी सतना नहीं पहुंची डाक

Panna News: डाक व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह से चरमरा गई है। आलम यह है कि सामान्य डाक को अपने गंतव्य तक पहुंचने मेंं एक सप्ताह से भी अधिक का समय लग रहा है। यह लापरवाही न केवल आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन रही है बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए डाक सेवाएं एक दूर की कौड़ी साबित हो रही हैं। ऐसा ही एक गंभीर मामला शहर के कटरा मोहल्ला में रहने वाले एक निवासी के साथ सामने आया है जिन्होंने अपनी पुत्री की शादी के निमंत्रण पत्र समय पर रिश्तेदारों तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग पर भरोसा किया लेकिन उनका यह भरोसा पूरी तरह से टूट गया। पीडित निवासी ने बताया कि उन्होंने लगभग 12 दिन पूर्व अपनी पुत्री की शादी के निमंत्रण कार्ड डाक विभाग के कर्मचारियों द्वारा बताए गए प्रति कार्ड 10 रुपये के हिसाब से टिकट लगाकर पोस्ट किए थे। यह निमंत्रण पत्र उन्हें सतना जिले में स्थित अपने रिश्तेदारों को भेजने थे जिसकी दूरी यहां से लगभग 70 किलोमीटर है। बारह दिन बीत जाने के बाद भी जब उनके रिश्तेदारों को निमंत्रण पत्र नहीं मिले तो पीडित ने डाक विभाग के कर्मचारियों की कार्यशैली पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जब 70 किलोमीटर की दूरी तय करने में डाक को इतना समय लग रहा है तो अन्य राज्यों या दूरदराज के क्षेत्रों में भेजे गए पत्र और पार्सल कैसे समय पर पहुंच पाएंगे। यह घटना डाक विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है। एक तरफ जहां संचार के आधुनिक माध्यम तेजी से विकसित हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बुनियादी डाक सेवाओं की ऐसी लचर व्यवस्था आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है। खासकर उन लोगों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और निजी कोरियर सेवाओं का खर्च वहन नहीं कर सकते उनके लिए डाक विभाग ही एकमात्र सहारा होता है लेकिन इस तरह की लापरवाही उनकी उम्मीदों पर पानी फेर देती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। अक्सर सामान्य डाक अपने गंतव्य तक पहुंचने में अत्यधिक समय लेती है। कई बार महत्वपूर्ण दस्तावेज और सूचनाएं भी समय पर नहीं पहुंच पाती हैं जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। छात्रों को प्रवेश पत्र, नौकरी के लिए आवेदन पत्र और अन्य महत्वपूर्ण कागजात समय पर न मिलने के कारण उनके अवसर छिन जाते हैं। व्यापारियों को अपने व्यावसायिक पत्र और पार्सल पहुंचने में देरी के कारण आर्थिक नुकसान होता है। कोई भी इस मामले पर आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं था। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि विभाग मेंं कर्मचारियों की कमी है और संसाधनों का भी अभाव है। जिसके कारण डाक वितरण में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सामान्य डाक को प्राथमिकता नहीं दी जाती है जिसके कारण वह अक्सर विलंबित हो जाती है। जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। डाक विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाना चाहिए और उन्हें आधुनिक तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए जिससे वह कुशलतापूर्वक अपना काम कर सकें। इसके अलावा डाक वितरण प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और सामान्य डाक को प्राथमिकता देने की भी आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को समय पर अपनी डाक मिल सके।

इनका कहना है

जिस दिन संबंधित व्यक्ति डाकघर आया था उसी दिन सतना के लिए रवाना कर दी गई थी। निमंत्रण कार्ड में सरकार के निर्देशानुसार प्रति 40 ग्राम के हिसाब से10 रुपये की टिकट लगती है जो लगाई गई थी मैं सतना कार्यालय में पता लगाता हूं।

लखविंदर सिंह

डाक सहायक मुख्य डाकघर पन्ना

मैं पूरी जानकारी पन्ना डाकघर से ले रहा हूं कि जो निमंत्रण कार्ड सतना के लिए भेजे गए हैं उसका बैग नंबर क्या है। मेरी पूरी कोशिश होगी कि सभी डाक लिखे पते पर तत्काल पहुंचे।

पी.एस. अग्निहोत्री, सहायक अधीक्षक डाकघर सतना

Created On :   4 May 2025 2:04 PM IST

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